एच.एल. अरोड़ा ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक( तकनीकी का कार्यभार ग्रहण किया
ऋषिकेश: हरबंस लाल अरोड़ा ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी) का पदभार दिनांक 22 दिसम्बर, 2017 से ग्रहण कर लिया है। भारत में हाइड्रो पावर उत्पादन के क्षेत्र में टीएचडीसी एक प्रमुख उपक्रम है। वर्तमान में इसकी कुल संस्थापित क्षमता 1513 मेगावाट है। निदेशक (तकनीकी) का कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व अरोड़ा टीएचडीसी कॉरपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में कार्यपालक निदेशक (ओ.एम.एस.) के पद का दायित्व निर्वाह कर रहे थे।
अरोड़ा को लगभग 36 वर्षों का कार्यानुभव है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने 1992 में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में उप प्रबन्धक के पद पर अपना कैरियर शुरू किया और उन्हें हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट व्यवसाय के सभी पहलुओं को लेकर व्यापक अनुभव है। टिहरी एच.पी.पी एवं कोटेश्वर एच.ई.पी. के ओ एंड एम. और भू-भूमिगत कार्यों सहित बडे सिविल संरचनाओं की योजना, निगरानी, पुनर्वास, निष्पादन में उनकी एक मजबूत पृष्ठभूमि है और गुण्वत्ता आश्वासन और बांध सुरक्षा का समृद्ध अनुभव है।
उन्होंने रिकॉर्ड समय में पाटन और देवभूमि द्वारका परियोजना में अक्षय ऊर्जा में टीएचडीसी के व्यवसाथ पोर्टफोलियों के विविधीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीएचडीसी में आने से पूर्व उन्होंने नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (NPCC) में कार्य किया है। उन्होंने बाल्को कैप्टिव पावर प्लांट कोरबा में कूलिंग टावरों के समय पर पूरा होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अरोड़ा ने बांध सुरक्षा मूल्यांकन पर डेनवर (U.S.A.) में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं हाइड्रो प्रोजेक्ट इंस्टीट्यूट (एचपीआई) , मास्को द्वारा बांध और पावर हाउस के सिविल कार्यों के डिजाइन में गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने कई बड़े जलविद्युत परियोजनाओं जैसे हूवर बांध, ग्रैंड कौली डेम्स और वोल्गोग्राड हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजनाओं का भी दौरा किया है ।
अरोड़ा कर्मचारियों के कौशल विकास में तथा उन्हें ज्ञान और अनुभव प्रदान करने में रुचि रखते हैं और पावर सेक्टर, हाइड्रो पावर, रिवर बेसिन प्लानिंग, आपदा प्रबंधन, बांध सुरक्षा आदि से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर देश के विभिन्न शैक्षणिक और व्यावसायिक संस्थानों जैसे आईआईटी, सीईए, सीडब्ल्यूसी और पीएमआई आदि से जुड़े हैं।