प्रदेश में मनरेगा योजना के अन्तर्गत राज्य रोजगार गारंटी परिषद् की समीक्षा
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को विधासभा भवन भराड़ीसैंण में प्रदेश में मनरेगा योजना के अन्तर्गत राज्य रोजगार गारंटी परिषद् की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि मनरेगा के अन्तर्गत जल संरक्षण एवं सवंर्द्धन पर विशेष ध्यान दिया जाए। जल स्रोतों को रिचार्ज कराने एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जाए। प्रत्येक जनपद में उन नदियों को चिन्हित किया जाए जिनको पुनर्जीवित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत अच्छा कार्य करने वाले प्रधानों को सम्मानित किया जाए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि मनरेगा योजनान्तर्गत लेबर कम्पोनेंट एवं मेटरियल कम्पोनेंट 60 एवं 40 के अनुपात में विकासखण्ड स्तर पर किया गया है, इस अनुपात को जनपद स्तर पर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत कार्य करने वाले श्रमिकों को मजदूरी निर्धारित अवधि में सीधे उनके खातों में दी जाए। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत शौचालय निर्माण की गति तेज की जाए। स्कूलों में भी शौचालय बनाए जाएं। अधिक छात्र-छात्राओं की संख्या वाले स्कूलों में छात्रों एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाये जाए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र के भौगोलिक वातावरण के अनुकूल उद्यान, बागवानी एवं कृषि को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने सगन्ध पौधों के रोपण में कलस्टर एप्रोच पर कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में जितना भी वृक्षारोपण हुआ है उसका पूरा सर्वे किया जाए कि कितने वृक्ष लगाए गये एवं कितने प्रतिशत जीवित हैं। वृक्षारोपण के साथ ही उनका संरक्षण करना भी जरूरी है।
उच्च गुणवत्ता वाले फलदार वृक्षों को रोपण किया जाए। उन्होंने नेपियर ग्रास को बढ़ावा देेने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारम्भिक चरण में 50 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है।इन ग्रोथ सेंटरों में ग्रामीण हाट को विकसित किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शौचालय निर्माण, फार्म पौंड, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं वर्मी/नेडेड पिट से सम्बन्धित कार्यों पर अधिक बल दिया जाए। प्रदेश में जितने भी फार्म पौंड बनाये जा रहे हैं, उनकी जियो टैगिंग की जाए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों से आये ग्राम प्रधानों से मनरेगा के अन्तर्गत होने वाले विभिन्न कार्यों के बारे में सुझाव भी लिए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सभी सीडीओ को निर्देश दिये कि मनरेगा के तहत होने वाले निर्धारित लक्ष्य को समय पर पूरा कर लिया जाए। बैठक में सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, सभी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी एवं विभिन्न जनपदों से आये जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
नगर निकायों के संबंध में 04 घोषणाएं
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को विधानसभा भराड़ीसैंण(गैरसैंण) में नगर निकायों के संबंध में 04 घोषणाएं की। नगर निकायों के सीमा विस्तार एवं जनसंख्या वृद्धि के फलरूवरूप पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता एवं कार्यकुशलता के दृष्टिगत 02 हजार कार्मिकों की भर्ती की जायेगी। प्रदेश के स्थानीय निकायों हेतु कार्यालय भवन के निर्माण हेतु 04 नगर निगमों हेतु 20 करोड़ रूपये, 14 नगर पालिका परिषदों हेतु 35 करोड़ रूपये एवं 25 नगर पंचायतों हेतु 27 करोड़ रूपये की सहायता राज्य सरकार प्रदान करेगी। नवगठित की जा रही नगर पंचायतों हेतु कार्यालय भवन का निर्माण किया जायेगा तथा इसके अतिरिक्त अवस्थापनाओं और विकास सुविधाओं हेतु 01 करोड़ रूपये प्रति निकाय प्रदान किया जायेगा। ए.डी.बी. के ऋण के माध्यम से नगर निगमों को अवस्थापना विकास के लिये 1500 करोड़ रूपये की सैद्धांतिक सहमति दी जा रही है।