April 26, 2024

अमित शाह के घर देर रात तक चली योगी और खट्टर की बैठक, कई सांसदों का कटेगा टिकट!

लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के घर बुधवार की देर रात तक एक अहम बैठक चली, जिसमें उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा मौजूद रहे। साथ ही रेलमंत्री पीयूष गोयल और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे। काफी लंबी चली इस बैठक के बाद सभी को देर रात 12:30 बजे अमित शाह के आवास से निकलते देखा गया।

आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह बैठक अहम बताई जा रही है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में लोकसभा सीटों और उम्मीदवारी को लेकर चर्चा हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई सांसदों का टिकट काटा जा सकता है। यह संख्या 30 से 35 बताई जा रही है। 

टिकट काटने का आधार सांसदों का क्षेत्र में प्रदर्शन हो सकता है। भाजपा ने इससे पहले भी संकेत दिए थे कि जिन सांसदों का प्रदर्शन बढ़िया नहीं रहा है, उनके टिकट काट कर नए उम्मीदवार को मौका दिया जा सकता है। हालांकि भाजपा की ओर से इस बैठक के एजेंडों और निर्णय की जानकारी अबतक नहीं दी गई है। 

सात महीने पहले से हो रही थी सुगबुगाहट

पिछले साल भाजपा ने सांसदों व मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया था। यूपी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को मौजूदा सांसदों के रिपोर्ट कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। जुलाई में अमित शाह जब दो दिवसीय दौरे पर यूपी गए थे, तो खराब प्रदर्शन वाले सांसदों का टिकट काटने पर चर्चा हुई थी। 

तब ऐसी चर्चा थी कि इन सांसदों के स्थान पर कुछ कद्दावर मंत्रियों और सीनियर विधायकों को भी मैदान में उतारा जा सकता है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नजर में करीब आधा दर्जन मंत्री और इतने ही विधायक के बेहतर प्रदर्शन पर चर्चा हुई थी। 

Amit Shah and Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश में त्रिकोणीय लड़ाई, सबके लिए चुनौती

उत्तर प्रदेश में वर्तमान में जो राजनीतिक परिदृश्य चल रहा है, उसके अनुसार लोकसभा चुनाव में त्रिकोणीय भिड़ंत देखने को मिलेगी। यहां के दो महत्वपूर्ण दलों सपा और बसपा ने जहां एक ओर पुरानी रार खत्म करते हुए गठबंधन कर लिया और कांग्रेस को अलग रखा, इस स्थिति ने कांग्रेस के लिए चुनौती खड़ी कर दी। 

वहीं कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को यूपी में मोर्चा संभालने को उतार दिया। उन्हें और ज्योतिरादित्य सिंधिया को महासचिव नियुक्त कर कांग्रेस ने दोनों को क्रमश: पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी। 

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि खासकर यूपी में भाजपा के लिए कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन दोनों से निबटना बड़ी चुनौती है। भाजपा ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है और इस नाते खराब प्रदर्शन वाले सांसदों का टिकट काटा भी गया, तो आश्चर्य की बात नहीं होगी। 


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com