April 26, 2024

उत्तराखंड: अब गंगा को निर्मल बनाएगा ईको फ्रेंडली ट्रैश बूम, ऐसे करेगा काम

गंगा नदी की निर्मलता व स्वच्छता को बनाए रखने के लिए स्पर्श गंगा टीम की ओर से एक सार्थक पहल की गई है। इसके लिए स्पर्श गंगा टीम पश्चिम बंगाल की कंपनी द्वारा निर्मित ट्रैश बूम नामक उपकरण तैयार किया गया है। उपकरण की सहायता से गंगा में बहने वाली गंदगी जैसे फूल, पत्ते, पूजन सामग्री, कपड़े, कीचड़, लकड़ी आदि को निकाला जा सकेगा।इसका ट्रायल नगर निगम की मेयर अनिता ममगाईं के समक्ष होगा। इसके बाद ही मेयर इस उपकरण को निरंतर चलाने के लिए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजेंगी। स्पर्श गंगा के गढ़वाल संयोजक एसएस भंडारी ने बताया कि स्थापना दिवस पर स्पर्श गंगा ने गंगा नदी की निर्मलता व स्वच्छता को बनाने के लिए एक योजना तैयार की है। इस योजना के तहत उन्होंने पश्चिम बंगाल की अगस्य बायंट कंपनी से संपर्क साधा है।

यह कंपनी अपने ट्रैश बुम नामक उपकरण की सहायता से गंगा नदी में बहने वाली गंदगी को दूर करने में सार्थक सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि स्थापना दिवस पर नगर की मेयर अनिता ममगाईं के समक्ष इस उपकरण का ट्रायल दिखाया जाएगा। यदि मेयर को यह योजना कारगर लगेगी तो यह उपकरण नगर निगम को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस उपकरण को गंगा में लगाने की इजाजत सिंचाई विभाग से ली गई है।  

ऐसे काम करेगा ट्रैश बूम उपकरण  

कंपनी अगस्य बायंट के साइट इंजीनियर शुभम नेगी ने बताया कि इस उपकरण को गंगा नदी में उतारा जाएगा। इसे दो छोर से बांध दिया जाएगा। इस उपकरण का डेढ़ फीट हिस्सा गंगा नदी के नीचे रहेगा और आधा फीट हिस्सा नदी के ऊपर रहेगा। इस दौरान नदी का जल निचले हिस्से से होकर आगे प्रवाहित होगा और नदी में बहने वाली गंदगी इसके ऊपरी हिस्से में फंस जाएगी। इसके बाद इस गंदगी को निकाला जा सकेगा।  

कितना कारगर है उपकरण  
कंपनी के साइट इंजीनियर ने बताया कि ट्रैश बूम उपकरण पांच मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से आने वाले नदी के जल को भी झेल सकता है। इस उपकरण की सहायता से नदी में बहने वाली गंदगी जैसे कपड़े, फूल, पत्तल, पूजन सामग्री, कीचड़ यहां तक की लकड़ी भी फंस जाएगी। इसके बाद इसे आसानी से हटाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि यह उपकरण को जब तक कोई हानि नहीं पहुंचाएगा, तब तक यह काम करेगा।  

ईको फ्रेंडली है ट्रैश बूम उपकरण  
ट्रैश बूम उपकरण के लिए कंपनी ने यूएसए से पीवीसी मैरिन ग्रेन कपड़ा मंगवाया है। इसके अंदर उच्च क्वालिटी का फॉम लगा हुआ है। गंगा में जलते दीये से इसे कोई नुकसान न पहुंचे और दीये भी इसमें फंस जाए, इसके लिए कंपनी ने इस उपकरण में ग्लास फाइबर का मैटिरियल लगाया है। साइट इंजीनियर के अनुसार यह उपकरण पूरी तरह से ईको फ्रेंडली है। इससे गंगा नदी को कुछ भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।


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