April 18, 2024

वरिष्ठ साहित्यकार मनु शर्मा का निधन

हिन्दी में सबसे बड़ा उपन्यास लिखने वाले और वरिष्ठ साहित्यकार मनु शर्मा का बुधवार सुबह वाराणसी में निधन हो गया ।वो 89 वर्ष के थें, इनका जन्म 1928 को शरद पूर्णिमा को फैजाबाद के अकबरपुर में हुआ था। उनके पुत्र हेमंत शर्मा ने बताया कि कल अंतिम संस्कार वाराणसी में किया जाएगा ।उन्होंने हिन्दी में कई उपन्यास लिखे जिनमें‘कर्ण की आत्मकथा’,‘द्रोण की आत्मकथा’,‘द्रोपदी की आत्मकथा’,‘के बोले मां तुमि अबले’,‘छत्रपति’,‘एकलिंग का दीवाना’, ‘गांधी लौटे’ काफी विख्यात हुए. उनके कई कहानी संग्रह और कविता संग्रह भी आए. शुरूआत में वह हनुमान प्रसाद शर्मा के नाम से लेखन करते थे.तमाम पुरस्कारों से किया गया सम्मानित शर्मा को उत्तर प्रदेश सरकार के सर्वोच्च सम्मान ‘यश भारती’ से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें गोरखपुर विश्वविद्यालय से मानद डीलिट. की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उन्हें तमाम पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’के तहत जिन प्रारंभिक नौ लोगों को नामित किया था उनमें से एक मनु शर्मा भी थे ।शर्मा का उपन्यास ‘कृष्ण की आत्मकथा’आठ खण्डों में आया है. इसे हिन्दी का सबसे बड़ा उपन्यास माना जाता है, इसके अलावा उन्होंने हिन्दी में तमाम उपन्यासों की रचनाएं की थी।


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