उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत की विकास दर 2018 में सबसे ज्यादा रहेगी : विश्व बैंक
आर्थिक विकास के मोर्चे पर विश्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट केंद्र की मोदी सरकार के लिए राहत भरी खबर लाई है। बुधवार को जारी इस रिपोर्ट में विश्व बैंक ने 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.3 प्रतिशत होने का अनुमान जताया है। उसका कहना है कि दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से भारत इस मामले में सबसे आगे होगा।
इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले विश्व बैंक के डेवलपमेंट प्रॉस्पेक्ट्स ग्रुप के निदेशक अह्यान कोसे ने कहा है कि वित्त वर्ष 2017-18 में नोटबंदी और गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के फैसले ने देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर को प्रभावित किया था। उन्होंने यह भी कहा कि इन दोनों का असर अब काफी हद तक खत्म हो चुका है।
रिपोर्ट में भारत और चीन की विकास दर का तुलनात्मक अध्ययन भी किया गया है। इसके मुताबिक चीनी अर्थव्यवस्था बीते साल 6.8 फीसदी की दर से बढ़ रही थी। अनुमान है कि उसकी गति इस साल सुस्त पड़कर 6.4 फीसदी रह जाएगी। दूसरी तरफ अक्टूबर 2017 में भारत की विकास दर सात से घटकर 6.7 प्रतिशत पर आ गई थी, लेकिन 2018 में उसके रफ्तार पकड़ने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जल्दी ही निजी क्षेत्र जीएसटी के साथ पूरी तरह तालमेल बैठा लेगा और इसके चलते आगामी वित्त वर्ष (2018-19) की तीसरी तिमाही तक राजकोषीय घाटा कम करने में भी भारत सरकार को बड़ी कामयाबी मिलेगी। इसके मुताबिक श्रम और स्वास्थ्य सुधार, शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेश की राह में आ रही बाधाओं को दूर करने में अगर भारत सफल रहता है तो यहां विकास की उम्मीदें और प्रबल होंगी।
कोसे ने यह भी कहा है कि अगर दीर्घकालिक अवधि के हिसाब से देखें तो दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत का प्रदर्शन शानदार रहेगाा। उनके मुताबिक निजी क्षेत्र की भागीदारी और श्रम में महिलाओं की भूमिका से वह इस बढ़त को और आगे भी ले जा सकता है।