केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की मांग-जीएसटी में मिले 50 फीसदी तक की छूट
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कैंटीन को जीएसटी के दायरे से छूट मिल सकती है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में मजबूती से अपना पक्ष वित्त मंत्रालय के सामने रखा है। गृह मंत्रालय का कहना है कि सरकार इस पर विचार कर रही है। सभी अर्द्धसैन्य बलों की ओर से केंद्रीय पुलिस कैंटीन को जीएसटी के दायरे में रखने पर ऐतराज जताया गया है। सरकार ने सेना की कैंटीन को इससे छूट दे दी थी। लेकिन अर्द्धसैन्य बलों की कैंटीन को जीएसटी के दायरे में रखा गया। इसकी वजह से सशस्त्र बलों की कैंटीन में सेना की कैंटीन की तुलना में सामान महंगा मिल रहा है।
थोक खरीद से दी जा रही छूट
सुरक्षा बल से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय पुलिस कैंटीन में सामान थोक के भाव पर खरीदा जाता है। कंपनियों की ओर से थोक सामान पर दी जाने वाली छूट ही यहां उपलब्ध है। जीएसटी वसूलने को लेकर जवान ऐतराज जताते हैं। लेकिन इसका कोई समाधान नहीं है। सुरक्षा बलों की ओर से कई प्रत्यावेदन इस संबंध में सरकार को दिए गए हैं।
50 फीसदी छूट की मांग
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की मांग है कि उनकी सीपीसी कैंटीन में जीएसटी में 50 फीसदी छूट दी जाए। गृह मंत्रालय ने भरोसा दिया है कि सरकार उन्हें रियायतें देने पर विचार कर रही है और इसका सकारात्मक नतीजा सामने आ सकता है। गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षा बलों के मांग के जवाब में कहा गया है कि केंद्रीय पुलिस कैंटीन को सेना की सीएसडी कैंटीन की तर्ज पर ही चलाया जा रहा है। इस समय 119 मास्टर कैंटीन एवं 1682 यूनिट कैंटीन पूरे देश में चल रही हैं। मंत्रालय के मुताबिक जहां तक जीएसटी से छूट देने का प्रश्न है इस मामले को वित्त मंत्रालय के सामने उठाया गया है।
12 लाख से ज्यादा कर्मियों को फायदा
गौरतलब है कि सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी और असम राइफल्स के करीब 12 लाख कर्मी और उनके परिवार सीपीसी कैंटीन का लाभ उठाते हैं। आठ लाख के करीब सेवानिवृत्त कर्मियों को भी इसका लाभ मिलता है।