April 23, 2024

टी.वी. पर ट्राई मारने का है एक बार। बाल दिवस विशेष

नन्हें कंधो पर रोटी का बोझ……. ये क्या जानें बाल दिवस

 

सात-आठ साल उम्र के दो बच्चे । एक के गले में लटका हुआ छोटा-सा पुराना
हारमोनियम और दूसरे के हाथ में एक डफ़ली । महानगर नई दिल्ली का व्यस्ततम
इलाका कनॉट प्लेस इन दोनों बच्चों के कमाने-खाने की जगह। फुटपाथ और खुले
आसमान के अलावा जमा पूंजी के नाम पर और तीसरा उनके पास कुछ भी नहीं। उलझे
बाल, बुझे चेहरे और अलमस्त आंखों में सुलगते हुए सवाल महानगर की इलीट
सोसायटी से अनजान नहीं है । समाज में हाशिये पर रुके ये बच्चे इतने नादान
भी नहीं हैं कि हवा का रुख भी न भांप सके । माहौल और मौका देखकर कभी माता
की भेंट गाते हैं तो कभी दुत्कार मिलने पर सिर खुजाने के अलावा और दूसरा
चारा नहीं रहता । कभी हल्की सी रोमांटिक आवारगी में ‘ये इश्क हाय’ गाते
हैं कभी ‘सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा’ । जनपथ बाज़ार पर पटरी
के किनारे चिंहुकते इन दोनों बच्चों से मुखातिब हुआ –

क्या नाम है?

असली नाम तो कुछ और है लेकिन मुझे रितिक कहते हैं और मेरे इस दोस्त को
अभिषेक । आपको क्या काम है हमसे, गाना सुनोगे?

नहीं, कहां रहते हो?

यूं तो हम पहाड़गंज के हैं । यहां और कई ऐसे बच्चे हैं, जो जमनापार,
पहाड़ी धीरज और कुचापातीराम से आते हैं। अपुन कनॉट प्लेस में रहते हैं,
अपुन का दिल यहीं लगता है।

मां-बाप क्या करते हैं?

नहीं मालूम।

मां-बाप का क्या नाम है?

होगा कुछ, वो भी नहीं मालूम।

सिंगर कैसे बने?

पैसा कमाने के लिए। अभी इधर दिल्ली में हैं। टी.वी. पर ट्राई मारने का
है एक बार। बाम्बे जाने का मूड है।

मां की याद नहीं आती?

नहीं।एक बाई है बाई। वे जी.बी. रोड एरिया है न, वहीं है। उसी को मां बोलते हैं।

गाकर कितना कमा लेते हो?

कुछ पक्का नहीं। इधर धंधा बहुत डल है। बीस-तीस की पॉकेट हो जाती है।

कभी स्कूल गये हो?

क्यों जाएं स्कूल, वहां कोई पैसे मिलते हैं।

आज बाल दिवस है (चाचा नेहरू का जन्मदिन )

ये क्या है ?

कहां-कहां गाते हो?

कभी सफेद बस में, कभी लाल बस में, कभी नीली बस में। कई बार रेल में भी
गाते हैं। शाम को इधर जनपथ पर गाते हैं। इधर का छोकरी बहुत अच्छा है।
छोकरा लोग पैसा नहीं देता। कुछ और पूछना है आपको? कौन हैं आप?

सबसे ज्यादा गाना कौन सा गाना गाते हो?

बस दीवानगी है, ओम शान्ति ओम।

 

बाल दिवस का इतिहास – बाल दिवस की नींव 1925 में रखी गई थी, जिसके बाद 1953 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली। यूएन ने 20 नवबंर को बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की लेकिन यह अन्य देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। कुछ देशों में आज भी 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। 1950 से कई देशों में बाल संरक्षण दिवस (1 जून) पर ही बाल दिवस मनाया जाता है। जिसे वर्ल्ड चिल्ड्रन डे के नाम से जाना जाता है। यह दिन बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी मूल जरूरतों को पूरा करने की याद दिलाता है।


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