देहरादून: पेंशन के लिए भटक रहे दिव्यांग, शासन से नहीं मिल रहा बजट
प्रदेश में दिव्यांगों को छह महीने से पेंशन नहीं मिल पाई है। देहरादून जिले में ही करीब दस हजार दिव्यांग पेंशन के लिए समाज कल्याण विभाग के चक्कर काट रहे हैं। अफसरों का कहना है कि शासन से बजट नहीं मिलने के कारण यह परेशानी हो रही है। बजट मिलते ही दिव्यांगों के खातों में पेंशन की राशि भेज दी जाएगी।
सरकार भले ही दिव्यांगों को तमाम तरह की सुविधाएं देने का दावा करती है, लेकिन हकीकत इससे परे है। आलम यह है कि पिछले छह महीने से दिव्यांगों को पेंशन ही नहीं मिल पाई है। दिव्यांगों को प्रतिमाह एक हजार रुपये के हिसाब से हर तिमाही तीन हजार रुपये पेंशन दी जाती है। परेशान दिव्यांग अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनने का राजी नहीं।
शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग में पहुंचे चकराता निवासी दिनेश ने बताया कि पेंशन बेहद कम है, लेकिन इससे उन्हें बहुत सहारा मिलता है। लेकिन, पिछले छह महीने से यह पैसा भी नहीं मिल पा रहा है। एक हजार रुपये महीने के लिए भी उन्हें 90 किलोमीटर दूर से देहरादून आना पड़ रहा है। उधर, दिव्यांगों की समस्या को लेकर बीते दिनों उत्तराखंड दिव्यांग सलाहकार बोर्ड के सदस्यों ने मुख्य सचिव से मुलाकात की थी। इस दौरान पेंशन का मुद्दा भी उठाया गया था, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ।
दिव्यांग पेंशन का पैसा वित्तीय विभाग में लटका पड़ा था, जिसे बुधवार को रिलीज कर दिया गया। जल्द ही दिव्यांगों को पेंशन का लाभ मिल पाएगा।
– राम विलास यादव ,अपर सचिव , समाज कल्याण विभाग
देहरादून जिले के लिए शासन से साढ़े आठ करोड़ की डिमांड की गई है। पैसा जारी होने के बाद ही दिव्यांगों को पेंशन का लाभ मिल सकेगा।
– अनुराग शंखधर, अधिकारी, जिला समाज कल्याण विभाग