नौकरी का झांसा देकर जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलती है
आई दिन भर कोई ना कोई सेक्स रैकेट की खबर आम हो गई है। सेक्स रैकेट पर अगर सारी रिर्पोट उठाये तो उनमें में से ज्यादा तर वह लड़कियाँ इन सेक्स रैकेट में शामिल है जो नौकरी की तलाश में घर से बाहर जाती हैं। नौकरी का झांसा देकर वह उन मासूम लड़किया को इस्तेमाल करते है जिन्हें रूपये की सख्त आवश्यक होती है।
ऐसी ही सेक्स रैकेट का मामला सामने आया है जहा 700 से भी ज्यादा लड़किया इस रैकेट में शामिल थी। फोन, वाट्सएप, वेबसाइट के जरिए उससे ग्राहक संपर्क करते थे। वह ऐसी लड़कियों का चयन करता था जिन्हें रोजगार की तलाश होती थी।
भोपाल में बहुत समय से आॅलाइन द्वारा सेक्स रैकेट चलाया जा रहा था। हाल ही में साइबर सेल ने दो माह से फरार आॅनलाइन सेक्स रैकेट के मास्टरमाइंड सुभाष उर्फ वीरू द्विवेदी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसे मंगलावार इलाके से उस समय दबोचा जब वह काॅलगर्ल का सौदा करने इंदौर से भोपाल पहुंचा था। आरोपी वीरू ने कबूला कि वह पिछले पांच साल से इस धंधक में लिप्त है। देशभर कि सात सौ से अधिक लड़कियों को वह इस धंधे में धकेल चुका है। वहीं वीरू का कहना है कि वह भोपाल मे पदस्थ एक सीएसपी का भतीजा है।नौकरी का झांसा देकर धंधे में शामिल करता था
वीरू ने बताया कि उसका धंधा भोपाल के अलावा इटारसी , होशंगाबाद, जबलपुर, रीवा, सतना, इंदौर तक फैला था। फोन, वाट्सएप, वेबसाइट के जरिए उससे ग्राहक संपर्क करते थे। वह ऐसी लड़कियों का चयन करता था जिन्हें रोजगार की तलाश होती थी।
उसने रीवा विवि की तीन लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर भोपाल बुलाया था। इसके बाद उन्हें धंधे में धकेल दिया। प्रतिष्ठित परिवारों की लड़कियों ने बदनामी के डर से वीरू की शिकायत नहीं की, वह चुपचाप घर लौट गई। हालांकि भोपाल पुलिस ने वीरू द्वारा लाई रीवा की एक लड़की को देह व्यापार में लिप्त होने के आरोप में तीन साल पहले पकड़ा था। जब भी लड़की ने वीरू नाम बताया था, लेकिन पुलिस से मिलीभगत कर वीरू बच निकला।