April 23, 2024

फारूक अब्दुल्ला ने उगला ‘जहर…एक बार फिर दिया विवादित और शर्मनाक बयान

श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर विवादित और शर्मनाक बयान दिया है। फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार कहा कि स्वतंत्र कश्मीर की बात ‘गलत’ है क्योंकि घाटी चारों ओर से तीन परमाणु शक्तियों – चीन, पाकिस्तान और भारत से घिरी है। अब्दुल्ला ने यह दावा भी किया कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) पाकिस्तान का है और यह चीज नहीं बदलेगी, चाहे भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के खिलाफ कितने ही युद्ध क्यों ना लड़ लें।

एक दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने एक स्वतंत्र कश्मीर के विचार को खारिज करते हुए कहा था कि यह हकीकत पर आधारित नहीं है। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं यह कह रहा हूं कि यहां आजादी (आजाद कश्मीर) जैसा कोई मुद्दा नहीं है। हम चारों ओर से जमीन से घिरे हुए हैं। इसके अलावा, एक ओर चीन है, दूसरी ओर पाकिस्तान है जबकि तीसरी ओर भारत है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन तीनों के पास परमाणु बम हैं। हमारे पास अल्लाह के नाम के अलावा और कुछ नहीं है। ’’

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आजादी के बारे में बात करने वाले ये (अलगाववादी) गलत बात कर रहे हैं। ’’ स्वायतत्ता की मांग पर उन्होंने कहा कि राज्य ने भारत में शामिल होने का फैसला किया, लेकिन देश ने कश्मीर के अवाम से विश्वासघात किया और उनसे अच्छा सलूक नहीं किया। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमें यह समझना चाहिए कि एक फैसला हुआ था (विलय का), लेकिन भारत ने हमसे अच्छा सलूक नहीं किया। भारत ने विश्वासघात किया। उन्होंने उस प्यार को नहीं समझा, जिसके साथ हमने उनके साथ जाने का विकल्प चुना था। कश्मीर की मौजूदा स्थिति की यही वजह है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आतंरिक स्वायतत्ता हमारा अधिकार है। केंद्र को इसे बहाल करना चाहिए, तभी जाकर घाटी में शांति लौटेगी।

पीओके को भारत का हिस्सा बताने संबंधी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर के बयान का भी जिक्र किया। अब्दुल्ला ने कश्मीर के तत्कालीन शासक महाराज हरि सिंह और भारत सरकार के बीच विलय पत्र पर हुए हस्ताक्षर की चर्चा की और कहा, ‘‘आपको विलय पत्र याद नहीं है और पाक शासित कश्मीर के दूसरे हिस्से पर दावा करते हैं. आप उन शर्तों को क्यों भूल गए जिन पर हम सहमत हुए थे। ’’ अब्दुल्ला ने यह भी दावा किया कि पीओके पाकिस्तान का हिस्सा है और बना रहेगा।

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं सीधे शब्दों में कहता हूं – न सिर्फ भारत के लोगों को, बल्कि दुनिया से भी – जम्मू कश्मीर का जो हिस्सा पाकिस्तान के साथ है वह पाकिस्तान का है और जो हिस्सा भारत के साथ है, वह भारत का है. यह नहीं बदलेगा. उन्हें लड़ने दीजिए, जितनी लड़ाइयां लड़ना चाहते हैं। यह नहीं बदलेगा। ’’

यह पूछे जाने पर कि कश्मीर के लिए केंद्र के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा क्या सफल रहे हैं, अब्दुल्ला ने कहा कि सिर्फ शर्मा ही इस बारे में बता सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि सिर्फ वार्ता से मुद्दे का हल नहीं होगा क्योंकि यह मुद्दा दो देशों के बीच का है. भारत सरकार को पाक सरकार से बात करनी होगी क्योंकि जम्मू कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के पास ह।’’

दरअसल फारूक अब्दुल्ला जिस PoK को वो पाकिस्तान का हिस्सा बता रहे हैं। उसे पाकिस्तान ने धोखे से कब्जे में लिया था। अक्टूबर 1947 को पाकिस्तानी सेना ने जम्मू कश्मीर पर हमला किया और इसके बाद से पीओके पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है।

भारत की संसद पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा बता चुकी है। ऐसा पहली बार नहीं है कि फारुक अब्दुल्ला ने इस तरह की बयानबाजी की हो। जम्मू कश्मीर की सत्ता से बेदखल होने के बाद वो ऐसे ऊल जलूल बयान देते रहे हैं।


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