April 27, 2024

भ्रष्टाचार मुक्त है उत्तराखंडः रावत

देहरादून। राज्य के सर्वागींण विकास के लिए एकजुट होकर सोचे और राज्य को तीव्र विकास की धारा से जोड़ें। प्रदेश के हित को लेकर सब को एक जुट होकर कार्य करना होगा, इसी से प्रदेश का विकास हो सकेगा। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रैबार कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कही।
रविवार को मुख्यमंत्री आवास के जनता मिलन हाॅल में राज्य स्थापना दिवस के 17 साल होने पर आयोजित रैबार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने कहा कि ‘रैबार’ का मुख्य उद्देश्य है कि हम सब मिलकर राज्य के सर्वागींण विकास के लिए एकजुट होकर सोचे और राज्य को तीव्र विकास की धारा से जोड़ें। उन्होंने कहा राज्य स्थापना के 18वें साल में प्रवेश कर रहा है। तरूण अवस्था से युवा अवस्था में प्रवेश कर रहे उत्तराखण्ड को किस तरह आगे बढ़ाना है। इस पर सब मिलकर विचार करें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित पदों पर आसीन उत्तराखण्ड मूल के प्रतिष्ठित लोगों के साथ इस बारे में गहनता के साथ चर्चा होगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिछले सात माह में राज्य सरकार ने गुड गवर्नेंस एवं भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए प्रभावी कदम उठाये हैं। जन समस्याओं के निदान के लिए समय-समय पर जन संवाद किये जा रहे हैं। जन शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए टोल फ्री नम्बर-1905 पर शिकायत की जा सकती है। प्रशासनिक सुधार के लिए सचिवालय से ब्लाॅक स्तर तक बायोमेट्रिक हाजिरी प्रारम्भ की गई है। सेवा के अधिकार में 162 नई सेवाएं जोड़ी गई हैं। डी.बी.टी के माध्यम से कृषि उर्वरक सब्सिडी प्रारम्भ करने वाला उत्तराखण्ड देश पांचवा राज्य है। कलस्टर आधारित खेती पर राज्य सरकार का विशेष फोकस है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में चकबन्दी करने का निर्णय लिया है। चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक जिला अस्पतालों में आईसीयू बनाये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 06 माह में परिवहन एवं ऊर्जा के क्षेत्र में लक्ष्य से अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है।
उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री के सचिव भाष्कर खुल्बे ने कहा कि राज्य के विकास के लिए हम क्या कर सकते हैं, इसके लिए सबको एकजुट होकर चिंतन एवं मंथन कर कार्य करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के तीव्र विकास के लिए कौशल विकास पर विशेष बल देना होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय आवश्यकताओं की मैपिंग कर उसके अनुरूप योजना बनानी होगी। हर जिले के लिये कम से कम अगले 10 वर्ष की आवश्यकताओं की मैपिंग की जानी चाहिए। पर्वतीय जनपदों में वोकेशनल ट्रेनिंग की जरूरतों का अध्ययन कर उसकी व्यवस्था की जाय। पाठ्यक्रम में उत्तराखण्ड के पर्यटन एवं हाॅिर्टकल्चर को जोड़ा जाय। राजधानी और अन्य शहरों में स्वच्छता पर भी ध्यान देना होगा। इससे निवशकों और पर्यटकों में अच्छा संदेश जाता है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना होगा। उत्तराखण्ड को भारत का स्विट्जरलैण्ड बनाने के लिए नये हिल स्टेशनों को डेवलप करना जरूरी है एवं उनका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी जरूरी है। हिल स्टेशनों के लिये मास्टर प्लान की आवश्यकता पर बल दिया। कोस्टगार्ड के डायरेक्टर जनरल श्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि अब युवा उत्तराखण्ड की दशा और दिशा बदलने का समय आ गया है। उत्तराखण्ड के चहुमुखी विकास के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा, स्वच्छता, स्वरोजगार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को समृद्ध राज्य बनाने के लिए युवाओं में ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा एवं कड़ी मेहनत के संस्कार देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि छात्रों को प्रेरित करने के लिए आईएएस अधिकारी स्कूलों में जा रहे हैं, यह एक अच्छी पहल है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि छात्रों से संवाद स्थापित करने के लिए उन्हें भी मौका मिलेगा तो वे इसके लिए हमेशा तैयार हैं।
पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एस.एस. नेगी ने कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां पलायन की समस्याओं के निदान के लिए पलायन आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन तेजी से हो रहा है। राज्य में 968 गांव खाली हो चुके तथा 1000 गांव में 100 से कम लोग है। अल्मोड़ा एवं पौड़ी में तेजी से पलायन हुआ है। पलायन को रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार, मानव संसाधनों एवं मूलभूत आवश्यकताओं पर बल देना होगा। आईएफएस अधिकारी श्री आलोक डिमरी ने कहा कि समय के साथ विकास की परिभाषा भी बदल रही है उन्होंने कहा कि राज्य के चहुमुखी विकास के लिए महिलाओं, बच्चों एवं युवाओं को साथ लेकर विकास के पथ पर बढ़ना होगा। आज स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्वतों एवं हिमालय के सरंक्षण के लिये प्रयास करना चाहिए। हिमालय को सामने रखकर योजना बनानी होगी। उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के स्तर में तेजी से सुधार हो रहा है। सभी डिग्री काॅलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति की गई है। वित्त सचिव श्री अमित नेगी ने इन 17 सालों में उत्तराखण्ड के समग्र विकास पर विस्तृत प्रजेन्टेशन दिया। उद्घाटन सत्र में कवि श्री यशवन्त सिंह रावत की पुस्तक ‘‘स्वर उन्हीं का’’ का विमोचन भी किया गया।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com