April 25, 2024

फ्लैट के लिए 33 साल इंतजार कराया, कीमत 40 गुना बढ़ा दी

डीडीए आवासीय योजना 1985 में आवेदन करने वाले 20 हजार लोगों के घर का सपना 33 वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। तीन दशक के इंतजार के बाद जब दिल्ली आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) ने घर देने की कवायद शुरू भी की तो वह अब 40 गुना अधिक कीमत यानी 13 लाख रुपये मांग रहा है, जबकि योजना के तहत महज 35 हजार रुपये में फ्लैट दिए जाने थे। फ्लैट की कीमत बढ़ाने और कई अन्य शर्तें जोड़ने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, लेकिन फिलहाल इन्हें राहत नहीं मिली है।

डीडीए की योजना 1985 में आई थी
डीडीए की स्लर्म विंग ने 1985 में झुग्गियों और कच्ची कॉलोनियों में रहने वालों के लिए फ्लैट देने की योजना शुरू की थी। इसके तहत 27 हजार 693 लोगों ने आवेदन और शुल्क के तौर पर 3000 रुपये जमा कराए। डीडीए ने करीब 5600 लोगों को फ्लैट आवंटित किए थे। 

हाईकोर्ट रोक लगाने से इनकार किया
डीयूएसआईबी ने सावदा घेवरा में जनता फ्लैट आवंटन की कवायद शुरू की है, लेकिन फ्लैट की कीमत बढ़ने और कई शर्तें जोड़ने का आवेदकों ने विरोध किया है। इसके खिलाफ दीपक अग्रवाल, भीम सिंह और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने कीमत बढ़ाने और आवंटन की नई शर्तों को मनमाना बताते हुए रोक लगाने की मांग की है। जस्टिस विभू बाखरू ने फिलहाल रोक लगाने से इनकार किया है।

फ्लैट की वास्तविक लागत 5 लाख 34 हजार
लोगों ने डीयूएसआईबी से सूचना के अधिकार कानून के तहत यह जानना चाहा कि फ्लैट की वास्तविक कीमत क्या है। डीयूएसआईबी ने आरटीआई के जवाब में बताया है कि फ्लैट की वास्तविक लागत 5 लाख 34 हजार रुपये हैं। फ्लैट पाने का इंतजार कर रहे केके चांदना ने पूछा कि दशकों से इंतजार कर रहे लोगों से फिर 13 लाख रुपये क्यों मांगा जा रहा है।

डीयूएसआईबी की इन शर्तों को लेकर विरोध 
दीपक अग्रवाल ने बताया कि डीयूएसआईबी ने 22 मई को आवेदकों से 45 दिन में हलफनामा देने को कहा है कि वह 13 लाख में मकान लेने को तैयार हैं। साथ ही, 50 हजार रुपये जमा कराने के निर्देश दिए। बाद में तारीख 16 अगस्त कर दी गई। फ्लैट आवंटित होने पर एकमुश्त पैसा देने की शर्तें लगा दी है। जो पैसे जमा नहीं करेगा, उसकी जमा राशि जब्त कर ली जाएगी।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com