April 20, 2024

फेसबुक पर शिकार तलाशती थी लड़की, पहले दोस्ती फिर प्यार… और फिर शुरू होता था ‘असली खेल’

लखनऊ की ट्रांसगोमती की सर्विलांस सेल व गाजीपुर थाने की टीम ने लोगों को ब्लैकमेल करने वाली युवती व उसके दो भाइयों को मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया है। युवती फेसबुक पर शिकार तलाशने के बाद वॉट्सएप पर चैटिंग करके लोगों को प्रेमजाल में फंसाती थी।

 इसके बाद एक भाई जाल में फंसे व्यक्ति को अपनी बहन से अश्लीलता की धमकी देकर हड़काता और दूसरा भाई खुद को वकील बताकर कानूनी कार्रवाई की धमकी देते हुए समझौते के नाम पर मोटी रकम वसूल लेते थे।

अपर पुलिस अधीक्षक ट्रांसगोमती हरेंद्र कुमार ने बताया कि गाजीपुर थाना क्षेत्र के एक व्यापारी ने युवती पर उसके दो साथियों की मदद से ब्लैकमेल करके 30 हजार रुपये ऐंठने के बाद ब्लैकमेल करके और रुपये मांगने की शिकायत की। इस पर गाजीपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ सर्विलांस सेल प्रभारी अजय प्रकाश त्रिपाठी ने ब्लैकमेलिंग में इस्तेमाल मोबाइल फोन के नंबर, फेसबुक आईडी व वॉट्सएप चैटिंग का ब्योरा खंगाला।

पता चला कि इंदिरानगर के ए-ब्लॉक में रहने वाली डिंपल सिंह उसके भाई नीरज सिन्हा और आशुतोष सिन्हा द्वारा लोगों को ब्लैकमेल करके रकम ऐंठी जा रही है। भाई-बहन द्वारा आठ लोगों से छह लाख रुपये वसूलने की जानकारी हुई। इस पर उपनिरीक्षक कमलेश राय, मुख्य आरक्षी नागेंद्र सिंह, आरक्षी नीरज मालवीय व महिला आरक्षी गीता की टीम ने भूतनाथ बाजार में घेराबंदी करके तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भाई-बहन के गैंग ने सात व्यापारियों के साथ दमकल विभाग के एक कर्मचारी को भी ब्लैकमेल करके रकम ऐंठी थी। नीरज ने व्यापारी को फोन कर बहन को भेजे अश्लील संदेशों का हवाला देते हुए हड़काया।

अगले दिन आशुतोष ने खुद को वकील बताते हुए व्यापारी से फोन पर बात की। कहा कि संभ्रांत व्यक्ति होकर छिछोरी हरकत की। महिला की जिंदगी तबाह कर डाली। वह कानूनी कार्रवाई के लिए आई है। जाल में फंसे व्यक्ति बदनामी के डर से समझौते के नाम पर रकम देकर पीछा छुड़ा लेते थे।

पकड़े जाने पर भी प्राथमिकी को तैयार नहीं
अपर पुलिस अधीक्षक ने जानकारी दी कि एक व्यापारी द्वारा दर्ज कराई ब्लैकमेलिंग की प्राथमिकी पर डिंपल, नीरज व आशुतोष को पकड़ा गया। उन्होंने सात अन्य व्यक्तियों को ब्लैकमेल करके 6 लाख रुपये वसूलने की बात कुबूली। पुलिस टीम ने संबंधित व्यक्तियों से संपर्क किया गया। सभी ने मामला उजागर होने पर घर में कलह और बदनामी की बात कहते हुए कानूनी कार्रवाई से इन्कार कर दिया।

बिहार के गोपालगंज जिले के मीरगंज थाने के वरी रायभान के मूलनिवासी डिंपल, नीरज व आशुतोष से पूछताछ में खुलासा हुआ कि उनके पिता एक कंपनी में सुरक्षा प्रभारी थे। माता-पिता की मौत हो चुकी है। तीनों भाई-बहन आठवीं व नवीं तक पढ़ाई कर सके।

विगत दिनों डिंपल से उसके पति संजीव जैन ने नाता तोड़ा और बच्चे को लेकर बिहार चला गया। भाई-बहन चार साल से इंदिरानगर के ए-ब्लॉक में किराए पर रह रहे थे। बताया कि फेसबुक पर शिकार तलाशने के बाद उसे ब्लैकमेलिंग करते थे। ठगी की रकम से ऐशोआराम की जिंदगी जी रहे थे।


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