पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के मध्य समझौता
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली तथा यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा के मध्य पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में अगले 10 वर्षों के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की प्राथमिक चिंताओं में देश के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों का कार्यान्वयन है, जिसमें अपनी झीलों और नदियों, इसकी जैव विविधता, वन और वन्य जीवन, जानवरों का कल्याण सुनिश्चित करना तथा प्रदूषण का निवारण औऱ न्यूनीकरण शामिल है।
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया अनुसंधान और शिक्षण का एक वैश्विक केंद्र है, जो लगातार दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक बना हुआ है। इसका उद्यमशीलता का दृष्टिकोण छात्रों, कर्मचारियों और संकायों को परंपरा को चुनौती देने, खोजों का नेतृत्व करने और सीखने के नए तरीकों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है
दोनों संस्थान अपने संबंधित संगठनों जिसमें भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, भारतीय वन्यजीव संस्थान, भारतीय वन सर्वेक्षण, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी और वन शिक्षा निदेशालय, देहरादून, उत्तराखंड, भारत और यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया, वैंकूवर, कनाडा के माध्यम से वानिकी विज्ञान के क्षेत्र में भविष्य के सहयोग के अवसर तलाशेंगे। यह छात्रों, शोधकर्ताओं और संकायों के आदान-प्रदान, अनुसंधान परियोजनाओं का विकास, आजीविका के अवसरों और वन आधारित समुदायों की आय में वृद्धि में मदद करेगा और संबंधित संगठनों द्वारा विभिन्न हितधारकों तक प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ वन आधारित संसाधनों के इष्टतम उपयोग करने में लिए उद्योगों की सहायता भी करेगा।