April 27, 2024

कश्मीर: पत्थरबाजी से नहीं मिलेगी आजादी-आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत

कश्मीर में जिस तरह से आजादी की मांग को लेकर युवा आतंक का रास्ता अपना रहे हैं और अपने हाथ में हथियार उठा रहे हैं, उसपर आर्मी चीफ ने दो टूक जवाब दिया है। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि आजादी कभी नहीं आएगी, आप सेना से नहीं लड़ सकते हैं, कश्मीर के युवाओं को इस हकीकत को स्वीकार करना होगा। जिस तरह से कश्मीर के युवा हथियार उठा रहे हैं उसपर जनरल रावत ने कहा कि जो भी इन युवाओं को यह बता रहा है कि हथियार उठाने से आजादी आएगी वह उन्हें गुमराह कर रहा है। मैं कश्मीर के युवाओं से कहना चाहता हूं कि आजादी संभव नहीं है।

कितने आतंकी मरते हैं, इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता

जनरल रावत ने कहा कि मैं कश्मीर के युवाओं से कहना चाहता हूं कि वह बिना वजह भावनाओं में ना बहे, आप आखिर क्यों हथियार उठा रहे हैं, हम हमेशा उन लोगों के खिलाफ लड़ेंगे जो आजादी की मांग कर रहे हैं, जो आजादी चाहते हैं उन्हें यह समझना चाहिए कि ऐसा कभी नहीं होगा। जनरल ने कहा कि मुझे इस बात का परवाह नहीं है कि कितने आतंकी सेना संग एनकाउंटर में मारे गए हैं। यह नंबर मेरे लिए मायने नहीं रखते हैं क्योंकि मुझे पता है कि यह चक्र चलता रहेगा। नई भर्तियां होती रहेंगी। मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि यह सब बेकार है, इस रास्ते पर चलकर युवा कुछ भी हासिल नहीं कर सकते हैं, आप सेना से नहीं लड़ सकते हैं।

हम पूरी ताकत से आपको जवाब देंगे

आर्मी चीफ ने कहा कि हमें लोगों को मारना अच्छा नहीं लगता है, लेकिन अगर आप हमसे लड़ेंगे तो हम अपनी पूरी ताकत से आपके साथ लड़ेंगे। कश्मीर के लोगों को यह समझना होगा कि सुरक्षाबल कितने निर्मम हो सकते हैं, आप सीरिया और पाकिस्तान को देख सकते हैं। वो लोग ऐसी स्थिति में टैंक और हवाई हमलों का भी इस्तेमाल करते हैं। हमारे जवान ऐसी स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं कि नागरिकों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे। मुझे पता है कि युवाओं में गुस्सा है, लेकिन सुरक्षाबलों पर हमला करना, उनपर पत्थर फेंकना सही नहीं है।

बिना हथियार आएं, कोई नहीं मरेगा

जिस तरह से बड़ी संख्या में सेना के ऑपरेशन को रोकने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है उसपर आर्मी चीफ ने कहा कि मुझे नहीं पता कि आखिर क्यों लोग इतनी बड़ी संख्या में हमारे ऑपरेशन को रोकने के लिए सामने आ रहे हैं, कौन इन्हें भड़का रहा है, अगर ये लोग चाहते हैं कि मिलिटेंट्स नहीं मरे तो इन्हें समझाना चाहिए कि ये लोग बिना हथियार के आएं, कोई भी नहीं मारा जाएगा। हम लोगों को अपना ऑपरेशन रोकने की इजाजत नहीं दे सकतेत हैं, हम आतंकियों को भागने में लोगों को उन्हें मदद नहीं करने देंगे ये लोग सेना पर पत्थर फेंक कर उसे भड़काने की कोशिश करते हैं, लेकिन ऐसा करने सेना और भी उग्र हो सकती है।


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