अयोध्या मामलाः मुस्लिम पक्षकारों की बहस पूरी, 17 मई को होगी अगली सुनवाई
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय विशेष पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। मुस्लिम पक्षकारों की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि हमारी ओर से इस मामले में कोई भी बयान देने से खुद को अनुशासित रखा गया है लेकिन हिंदू पक्ष की तरफ से ऐसा नहीं हो रहा है। बयानबाजी बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह अवमानना की तरह है। एक-दूसरे पर कीचड़ उछालना बंद किया जाना चाहिए। यह संवेदनशील मामला है, ऐसे में इस मामले को लेकर कोई निर्णय लेना सही नहीं है।
धवन ने कहा कि 1994 में इस्माइल फारूखी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले में आदेश दिया था। इस्माइल फारूखी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है। पहले इस पर निर्णय लिया जाए कि इस मामले को बड़ी पीठ के पास भेजा जाना चाहिए या नहीं। उसके बाद ही भूमि विवाद मामले की सुनवाई की जाए।
17 मई को मामले की अगली सुनवाई होगी। इसमें हिंदू पक्षकारों की ओर से दलीलें पेश की जाएगी। मामले को संविधान पीठ को भेजे जाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट बृहस्पतिवार को हिंदू पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख सकती है।