फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भारत यात्रा से ब्रिटेन परेशान
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भारत यात्रा से ब्रिटेन परेशान हो गया है। दोनों ही देश भारतीय छात्रों को लुभाने में जुटे हैं और इस कोशिश में मैक्रों और ब्रिटिश विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन की सोशल मीडिया पर तकरार हो गई।
नई दिल्ली में शनिवार को अपने संबोधन के दौरान मैक्रों ने फ्रांस को भारतीय छात्रों के लिए यूरोप के नए प्रवेशद्वार के तौर पर पेश किया था। उनके इस प्रस्ताव को यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने के परिप्रेक्ष्य में देखा गया। मैक्रों ने ट्वीट कर भी कहा था, ‘हम फ्रांस और भारत के बीच नई शुरुआत कर रहे हैं.. मैं फ्रांस आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या दोगुनी करना चाहता हूं। अगर आप फ्रांस का चुनाव करेंगे तो इससे फ्रेंकोफोनी के साथ-साथ यूरोप तक भी आपकी पहुंच होगी।’
इसका सीधा जवाब देते हुए जॉनसन ने ट्वीट किया, ‘2017 में ब्रिटेन में 14 हजार से ज्यादा भारतीय छात्रों के आने और दुनिया के 10 सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में हमारे चार विश्वविद्यालयों को चुनने पर हमें गर्व है। पिछले साल की अपेक्षा यह संख्या अधिक है।’ उन्होंने अपने ट्वीट के अंत में कहा, ‘एजुकेशन इज ग्रेट इन इंग्लिश।’
बता दें एमैनुएल मैक्रों तीन दिवसीय भारत के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने दुनिया के आठ अजूबों में शुमार ताजमहल का दीदार किया। इसके अलावा उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वाराणसी की भी यात्रा की। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने दादर कलां का भी दौरा किया। यहां मैक्रों ने पीएम मोदी के साथ 75 मेगावॉट उत्पादन क्षमता वाले उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र का लोकार्पण किया।
इसके अलावा मैक्रों विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिले। मुलाकात के दौरान दोनों ने फर्जी समाचार (फेक न्यूज) समेत दोनों देशों से संबंधित सामान्य मुद्दों पर चर्चा की और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सहयोग की आशा जताई।