राहुल गांधी भी अपनी मां सोनिया गांधी की तरह विदेशी हैं:-जय प्रकाश सिंह,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,बसपा
भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देने के लिए विपक्षी पार्टियां एकजुट होने की कोशिश में लगी हैं। लेकिन कुछ नेताओं और पार्टियों के द्वारा ऐसे बयान सामने आ रहे हैं जिससे विपक्षी खेमा अलग-थलग नजर आ रहा है। सोमवार को बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह ने कहा था कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी भी अपनी मां सोनिया गांधी की तरह विदेशी हैं। राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि राहुल पिता की जगह मां पर गए। पिता देश के थे। उन पर जाते तो भला हो सकता था।
जय प्रकाश ने कहा था, ‘अगर राहुल गांधी, राजीव गांधी पर चले जाते तो एक बार को राजनीति में सफल हो जाते, लेकिन वो अपनी मां पर चला गये। वो विदेशी हैं। मैं दावे के साथ कह सकता हूं राहुल गांधी कभी भारतीय राजनीति में कभी सफल नहीं हो सकते।’ जय प्रकाश ने आगे कहा कि गाय एक अच्छी पशु हो सकती है, कम खाना ज्यादा दूध देने वाली हो सकती है लेकिन गाय किसी की माता नहीं हो सकती। माता वो ही हो सकती है जिसने हमें जन्म दिया है। गाय तुम्हारी माता होगी, हम्मारी माता तो वो है जिसने हमें जन्म दिया।
खबर घंटे भर भी नहीं चली की बसपा सुप्रीमो मायावती को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। मायावती ने जय प्रकाश सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से तत्काल हटा दिया है। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा कही गई बातें उनकी अपनी निजी है बसपा की नहीं। यह बसपा की सोच के विरुद्ध है। आज हमारी पार्टी ने जयप्रकाश को राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया गया है। मैं मीडिया के माध्यम से चेतावनी देती हूं कि केवल बीएसपी की विचारधारा, सिद्धांत और सोच के बारे में ही अपनी बातें रखे।
वहीं इसके बाद भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया है। संबित ने कहा कि -महाठगबंधन का निर्माण होने से पहले की स्तिथि देखिए.. “बीएसपी का साफ कहना है की चूंकि राहुल गांधी अपने पिता से अधिक अपने मां जैसे दिखते है और सोनिया जी विदेशी मूल की है इसलिए राहुल जी कभी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हो सकते है! उन्होंने कहा कि ये तो अभी शुरुआत है। आगे-आगे देखते जाइए होता है क्या…
मायावती को भावी प्रधानमंत्री के रूप में पेश करना शुरू
जय प्रकाश ने कहा था कि पहले ज्यादा सीट वालों की ही सरकार बनती थी लेकिन कांशीराम जी के समय से इसमें बदलाव आ गया। यह कांशीराम ही थे कि 67 वाली बसपा की सरकार बनी और 150 वाली भाजपा यूपी में ताकती रह गई। झारखंड में एक सीट वाले मधु कोड़ा मुख्यमंत्री बने और 42 वाले फेल हो गए। कर्नाटक में बसपा के पास एक ही सदस्य था लेकिन सरकार उसकी बनी जिसे बहनजी ने चाहा। आज बसपा सदस्य भी मंत्री है।