उपचुनाव: कैराना-नूरपुर में दांव पर भाजपा और गठबंधन की साख
कैराना लोकसभा और नूरपुर उप चुनाव के लिए मतदान जारी है। गोरखपुर-फूलपुर में हार के बाद हो रहे उप चुनाव में भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की साख दांव पर है। साथ ही गठबंधन में रालोद के शामिल होने से नए समीकरण बने हैं। चौधरी अजित सिंह और सपा की भी अग्निपरीक्षा नूरपुर में है। बड़ी चुनौती दोनों खेमों के सामने भीषण गर्मी में अपने पक्ष के मतदाताओं को बूथ तक ले जाने की है। भाजपा सांसद बाबू हुकुम सिंह के निधन से कैराना में उप चुनाव हो रहा है। इसमें करीब 16 लाख मतदाता मतदान करेंगे।
वैसे तो चुनाव मैदान में 12 प्रत्याशी हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला हुकुम सिंह की बेटी और भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह व रालोद प्रत्याशी तबस्सुम के बीच है। तबस्सुम कैराना से सपा विधायक नाहिद हसन की मां और पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की पत्नी है। इस उप चुनाव में तबस्सुम सपा से दावेदार थीं, बाद में रालोद के गठबंधन के साथ आने के बाद वह बतौर रालोद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। मुजफ्फरनगर दंगों के बाद हुए 2014 के उप चुनाव में मतों का सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण हुआ था, इस बार भी भाजपा ने ध्रुवीकरण की कोशिश की।
वह कितनी कामयाब हुई यह मतदान का परिणाम ही बताएगा। चुनाव से एक दिन पहले बागपत के खेकड़ा में ईस्टर्न फेरीफेरल के लोकार्पण के दौरान आयोजित सभा में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों, दलितों और पिछड़ों के लिए किए गए कार्यों को गिनाया और इन वर्गों को साधने की कोशिश की। भाजपा की चिंता जाट मतों के बिखराव को लेकर है। रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह और उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी जाट मतदाताओं रिझाने की पूरजोर कोशिश की है। दलित मतदाता अभी तक खामोश है।
बसपा नेता और कार्यकर्ता पूरे चुनाव में निष्क्रिय रहे हैं। उन्हें पार्टी हाईकमान से कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं, इसके चलते गठबंधन प्रत्याशी के समीकरण गड़बड़ा रहे हैं तो भाजपा भी उनमें सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। भीम आर्मी ने जरूर दोनों सीटों पर गठबंधन प्रत्याशियों को समर्थन दिया है। दिलचस्प हुए उप चुनाव में यही स्थिति नूरपुर में भी है। भाजपा विधायक नूरपुर लोकेंद्र चौहान के निधन से रिक्त हुए चुनाव में भाजपा ने उनकी पत्नी अवनी सिंह को प्रत्याशी बनाया है।
उनके मुकाबले में गठबंधन ने सपा प्रत्याशी नईमुल हसन को मैदान में उतारा है। नईमुल हसन पिछले चुनाव में लोकेंद्र चौहान से पराजित हुए थे। यहां एक मुस्लिम प्रत्याशी गौहर लोकदल से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां तीन लाख मतदाता हैं, जो सोमवार को मतदान करेंगे।