April 25, 2024

कैबिनेट बैठक : डिफेंस कॉरिडोर तथा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के प्रस्ताव पर लगेगी मुहर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कल दिल्ली जाने के कारण उनकी सरकार की कैबिनेट बैठक आज होगी। लोकभवन में योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को लेकर अहम मसले पर मुहर लग सकती है।

लोकभवन में होने वाली कैबिनेट बैठक में सरकार डिफेंस कॉरिडोर के लिए नई नीति को मंजूरी देने के साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल और रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन को मंजूरी मिल सकती है। स्वरोजगार और नए उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार अब अन्य पिछड़ा वर्ग के सूक्ष्म व लघु उद्यमियों को भी उद्यमिता का प्रशिक्षण देगी। बैठक में इस बाबत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग की योजना को मंजूरी दी जा सकती है।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लिए आरएफक्यू-आरएफपी पर लगेगी मुहर

लखनऊ से गाजीपुर तक प्रस्तावित पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए विकासकर्ताओं के चयन की खातिर तकनीकी और वित्तीय बिडिंग एक साथ कराये जाने के मकसद से आरएफक्यू (रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन) और आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) दस्तावेजों को भी कैबिनेट मंजूरी दे सकती है।

खुलेंगे डिफेंस कॉरीडोर में निवेश के रास्ते

कैबिनेट बैठक में योगी सरकार की एयरोस्पेस एंड डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी पर भी मुहर लग सकती है। बुंदेलखंड में प्रस्तावित डिफेंस कॉरीडोर के मद्देनजर उद्योग जगत इस पॉलिसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इस पॉलिसी के जारी होने से डिफेंस कॉरीडोर में निवेश के रास्ते खुलेंगे। डिफेंस कॉरीडोर के छह नोड विकसित किये जाएंगे, जिसके लिए 3000 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही चल रही है। एयरोस्पेस एंड डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी के तहत निजी क्षेत्र को एयरोस्पेस और डिफेंस पार्क विकसित करने के लिए रियायतें दी जाएंगी। 

लघु उद्यमियों को भी उद्यमिता का प्रशिक्षण

भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह अनुसूचित जाति और पिछड़े समाज के लोगों को हस्तशिल्प और गृह उद्योग के व्यवसाय का प्रशिक्षण देगी। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग अभी अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु उद्यमियों को ही उद्यमिता को प्रशिक्षण देने की योजना संचालित कर रहा है। इस प्रशिक्षण योजना में अब पिछड़ा वर्ग के लोगों को भी शामिल किया जाएगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति ही पात्र होंगे। योजना के तहत प्रशिक्षण हासिल करने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता जूनियर हाईस्कूल तथा आयुसीमा न्यूनतम 18 और अधिकतम 45 वर्ष होगी। योजना के तहत जिले के पिछड़ा वर्ग के उन व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा जो अपनी सूक्ष्म गृह इकाइयों को उच्चीकृत और विकसित करना चाहते हैं या जो इस क्षेत्र में स्थानीय सतर पर उपलब्ध संसाधनों व बाजार के दृष्टिगत खुद को नए उद्यमी के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को 35 प्रतिशत और दिव्यांगजन को दो प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।

प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को कार्यदायी संस्था या जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र से आवेदन पत्र हासिल कर उसे भरकर जमा करना होगा। वे संबंधित जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र की वेबसाइट पर उपलब्ध आवेदन पत्र ऑनलाइन भी जमा कर सकेंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए राजधानी स्थित उद्यमिता विकास संस्थान कार्यदायी संस्था होगी। योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था और जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र के संबंधित उप आयुक्त उद्योग की होगी। योजना के तहत इन ट्रेड में दिया जाएगा प्रशिक्षण : बढ़ई, प्लंबङ्क्षरग, सुरक्षा गार्ड, मेडिकल नर्सिंग, दोपहिया वाहन रिपेयङ्क्षरग, ट्रैक्टर रिपेयरिंग, बिजली मोटर रिपेयरिंग , राज मिस्त्री, बिजली के छोटे सामान बनाने व रिपेयङ्क्षरग का काम, बांसबेत, कालीन व दरी बुनाई, बोरिंग मिस्त्री, लेथ मशीन मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन, साडिय़ों की कढ़ाई छपाई, टेलङ्क्षरग, पंचर रिपेयरिंग, स्थानीय आवश्यकतानुसार अन्य कोई ट्रेड।


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