April 26, 2024

लापरवाह अधिकारियों की उत्तर प्रदेश में जगह नहीं: सीएम योगी आदित्यनाथ

दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे मुख्यमंत्री ने रविवार को मंडलायुक्त सभागार में वाराणसी के विकास कार्य और कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। इस दौरान अधिकारियों की लापरवाही पर उन्हें जमकर फटकार लगाई।

उन्होंने कहा, लापरवाह अधिकारियों के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं है। यहां चल रही परियोजनाओं के विलंब होने पर अधिकारियों को अभियान चलाकर पूरा करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। शहर की सड़कों को सुधारने के लिए लोक निर्माण विभाग को 20 दिन की मोहलत दी। उन्होंने विश्वनाथ कॉरिडोर को काशी के अतीत से जोड़ने और विरासतों को सहेजने का निर्देश दिया।

मंडलायुक्त को उन्होंने निर्देश दिया कि हर परियोजना की स्थलीय समीक्षा के साथ जनता की सुरक्षा और संरक्षा के मानकों को पूरा कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा, हमारी पहली प्राथमिकता जनसुरक्षा है और इसके लिए सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे।

समीक्षा बैठक में सीएम को बताया गया कि 30 जून 2018 तक 16 परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। इसमें रिंग रोड 1, बाबतपुर वाराणसी फोरलेन, आईपीडीएस, कबीरचौरा हेरिटेज वाक सहित अन्य काम हैं। इसके बाद 31 दिसंबर 2018 तक 24 कामों को पूरा करने की बात मुख्यमंत्री को बताई।

इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फटकारते हुए कहा, आप लोगों की लापरवाही से काम समय पर पूरे नहीं होते। हर काम का लक्ष्य तय करके उसे समयसीमा में पूरा कराया जाए। छह माह पहले मुख्यमंत्री के भ्रमण की गई परियोजनाओं के पूरा होने की जानकारी दी गई।

बैठक में सेतु निगम से संबंधित हादसे का जिक्र किए बिना मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य की समयबद्धता और सुरक्षा मानकों को लेकर जमकर नाराजगी जताई। शहर में भारी वाहनों के प्रवेश और चौराहों पर वसूली को लेकर नाराजगी जताई।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने सुबह सेंट्रल जेल में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा का अनावरण किया। दोपहर तीन बजे मुख्यमंत्री वाराणसी से रवाना हो गए।

काम में सुधार नहीं तो कार्रवाई तय

दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे मुख्यमंत्री ने रविवार को मंडलायुक्त सभागार में समीक्षा बैठक में विभागों की हकीकत अधिकारियों के सामने रख दी। विभागीय आंकड़ों से अलग मुख्यमंत्री ने अवैध वसूली, तहसीलों के भ्रष्टाचार, गेहूं क्रय केन्द्रों की शिकायतों का जिक्र किया और अधिकारियों को इसके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिया।

वाराणसी में विकास और निर्माण कार्यो में गति लाने के लिए विभागीय अधिकारियों को प्रतिदिन, जिलाधिकारी को साप्ताहिक और मंडलायुक्त को पाक्षिक समीक्षा के साथ स्थलीय निरीक्षण का निर्देश दिया। काशी में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा और सम्मान के लिए अधिकारियों को ताकीद की।

स्वच्छता कार्यक्रम के लिए प्रतिदिन अभियान के लिए नगर आयुक्त को निर्देश दिया। उन्होंने जल्द ही दोबारा यहां की परियोजनाओं की प्रगति का स्थलीय निरीक्षण की हिदायत दी और कहा, काम में सुधार नहीं हुआ तो अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। परियोजनाओं की जानकारी दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कागजी आंकड़े नहीं जमीन पर काम दिखना चाहिए। आंकड़ों से लक्ष्य नहीं मिलता।

बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि वाराणसी के गेहूं क्रय केन्द्रों पर अवैध वसूली की शिकायतें हैं। जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि क्रय केन्द्रों पर सक्रिय बिचौलियों पर कार्रवाई की जाए।

जिससे किसानों को उनके गेहूं का निर्धारित सरकारी समर्थन मूल्य 1745 प्रति क्विंटल मिल सके। मुख्यमंत्री ने खाद्यान्न वितरण में अनियमितता की दो माह से मिल रही शिकायत का जिक्र किया और कहा कि खाद्यान्न प्राप्त करने में पात्र लोगों को किसी भी स्तर पर परेशानी का सामना न करना पड़े।

वाराणसी पुलिस की कार्यशैली पर सीएम योगी ने जताई नाराजगी

वाराणसी के चौराहों और तिराहों पर मालवाहकों और सवारी वाहनों से पुलिस द्वारा की जाने वाली अवैध वसूली की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी है। रविवार को कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान मंडलीय सभागार में मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि चौराहों पर वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर एसएसपी जेल भेजें और नौकरी से बर्खास्त करें।

शहर में जिन मार्गों पर भारी वाहनों का प्रवेश निषेध है वहां नो इंट्री के नियम का कड़ाई से पालन हो। खाकी वर्दी को कलंकित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए।

जिले में हाल में हुई ताबड़तोड़ आपराधिक वारदातों के कारण पुलिस की कार्यशैली से मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक में नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि सभी थाना क्षेत्रों में पुलिस रोजाना पैदल गश्त करे और सक्रिय दिखे। थानों पर जो फरियादी जाएं उन्हें बैठने के लिए जगह और पीने का पानी उपलब्ध कराकर उनकी शिकायत को पुलिसकर्मी संवेदनशीलता के साथ सुनें।

थानों की साफ-सफाई पर थानाध्यक्ष गंभीरता से ध्यान दें। पुलिसिंग ऐसे प्रभावी तरीके से की जाए कि अपराधियों में कानून का भय और आम आदमी निश्चिंत हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि खाकी वर्दी आम आदमी पर जुल्म के लिए नहीं बल्कि जुल्म करने वालों से रक्षा के लिए है और पुलिस समाज में जनमित्र की भूमिका में नजर आए।

क्यों लंबित हैं विवेचनाएं, कराएं जांच
कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने पाया कि जिले भर में 458 मुकदमों की विवेचना लंबित हैं तो इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। एसएसपी को कहा कि विवेचना समय से पूरी हो। मुकदमों की विवेचना क्यों लंबित है इसकी जांच करा कर लापरवाही बरतने वाले दरोगाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

एनएचएआई पर भी जताई नाराजगी

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के निर्माणाधीन मार्गों की धीमी प्रगति पर सीएम ने नाराजगी जताई और तेज करने का निर्देश दिया। विभाग के अधिकारियों ने बताया जौनपुर एवं गाजीपुर में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही में बाधा आ रही है।

इस पर मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त को दोनों जिलाधिकारियों से समन्वय कर प्राथमिकता पर इसे पूरा करने को कहा। आईपीडीएस योजना के बावजूद बनारस की सड़कों पर लटकते बिजली के तार और सड़क किनारे बिजली खंभों पर भी मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई और 10 दिन में इसे दुरुस्त करने को कहा।

शहर की बस्तियों में बांस-बल्ली के बिजली पोल की शिकायत पर उसे तत्काल हटाने के निर्देश दिया। वरुणा कॉरिडोर के चैनेलाइजेशन कार्य को दिसंबर तक पूरा कराए जाने का निर्देश दिया। चार लाख लीटर दैनिक क्षमता के रामनगर पराग डेयरी प्लांट के निर्माण में देरी पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई।


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