उत्तराखंड: ट्रैफिक नियम तोड़ने पर आपराधिक केस दर्ज होगा
उत्तराखंड में यातायात नियमों के उल्लंघन पर अब मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई के साथ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। धुमाकोट हादसे के बाद सरकार ने अब ट्रैफिक नियम सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है।
इन मामलों में दर्ज होगा आपराधिक मुकदमा-
सचिव परिवहन डी सेंथिल पांडियन की ओर से बुधवार को यह आदेश किए गए। ओवरलोडिंग, वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने, ओवर स्पीड, शराब पीकर वाहन चलाने और लाल बत्ती क्रास करने पर परिवहन विभाग का प्रवर्तन दल अब आईपीसी की विभिन्न धराओं के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के लिए थानों में तहरीर देगा और पुलिस आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करेगी। आईपीसी के तहत कार्रवाई होने पर दोषियों को गिरफ्तारी और जेल जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
पुलिस को छह धाराओं में कंपाउंडिंग का अधिकार-
धुमाकोट हादसे के बाद सवाल उठने लगे हैं कि यातायात नियमों का पालन कराने की ज्यादा जिम्मेदारी पुलिस की है तो परिवहन विभाग के पास कंपाउंडिंग के अधिकार क्यों ज्यादा हैं। ओवरलोडिंग, ओवरस्पीडिंग, शराब पीकर वाहन चलाने और मोबाइल से बात करने पर पुलिस के मुकाबले परिवहन विभाग के पास ज्यादा अधिकार हैं। सूत्रों के अनुसार अब पुलिस ने शासन से परिवहन के समान 28 धाराओं में कंपाउंडिंग का अधिकार देने की मांग की है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भी भेजा गया है।
सचिव परिवहन डी सेंथिल पांडियन ने कहा कि राज्य में यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए यह निर्णय लिया गया। हालांकि यह प्रावधान पहले से था, लेकिन इसे आमतौर पर अमल में नहीं लाया जाता था। अब प्रवर्तन दल को थानों में तहरीर देने के भी निर्देश दिए हैं।