March 29, 2024

एरोमैटिक प्लांट की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदाः सुनील सिंह

जंगली जानवर बाहुल्य इलाकों में एरोमैटिक प्लांट की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होगी। इसके लिए सेंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट (सगंध पौध केंद्र) ने प्रदेश में एक हजार समूह गठित करने का लक्ष्य रखा है। जिससे तकरीबन पांच लाख किसानों को जोड़ा जाएगा। वक्त के साथ किसानों को खेती का तरीका बदलने के गुर भी सिखाए जाएंगे। केंद्र के किसानों की आय दोगुनी करने के मिशन को पूरा करने के साथ ही मिश्रित खेती, समूह में खेती करने पर फोकस किया जा रहा है।

 

सेंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट ने ऊधमसिंह नगर व नैनीताल जिले में अब गेहूं व अन्य फसलों के साथ मिश्रित खेती के तौर पर एरोमैटिक प्लांट लगाने का प्रोजेक्ट तैयार किया है। सगंध पौध केंद्र वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार एवं जैविक विशेषज्ञ सुनील सिंह बत्र्वाल का कहना है कि इसके अलावा एक हजार मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में खेती करने वाले किसानों को लेमनग्रास और दो हजार मीटर ऊंचाई वाले इलाकों में गुलाब की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही जंगली जानवर बाहुल्य क्षेत्रों में एरोमैटिक, आयुर्वेदिक और नकदी फसलें लगाई जाएंगी।


एैरोमैटिक खेती करने वाले किसानों के समूहों को दो प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। सगंध केंद्र की ओर से किसानों को प्रशिक्षण, बीज आपूर्ति और स्थानीय स्तर पर ब्रांडिंग, मार्केटिंग, प्रोसेसिंग में मदद की जाएगी। इस योजना के जरिये उन फसलों पर जोर दिया जाएगा, जिनके लिए कच्चा माल स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो और स्थानीय स्तर पर ही उसकी मांग हो। इससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।
सगंध पौध केंद्र वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार एवं जैविक विशेषज्ञ सुनील सिंह बत्र्वाल का कहना है कि अब मिश्रित खेती पर जोर दिया जा रहा है। बंजर भूमि में भी एरोमैटिक प्लांट की खेती की जा सकती है। जंगली जानवरों से इन फसलों को कोई खतरा भी नहीं होता।
कृषिकरण के लिए चयनित प्रजातियां
अतीस, कुटकी, जटामांसी, चिरायता, बनककड़ी, फरण, जंबू, कालाजीरा, पाइरेथम, तगर, मंजीठ, बड़ी इलायची, पत्थर चूर, रोजमेरी, जिरेनियम, सर्पगंधा, कलिहारी, सतावर, लेमनग्रास, केमोमाइल, सिलीबम, स्टीविया, पिपली, ब्रहमी, अमीमेजस, तिलपुष्पी, गुलाब, मिंट, तेजपात, चंदन, हरड़, बहेड़ा, आंवला, छिपी, विदेशी, गंधरायण, रीठा, जंगली, अजवाइन, लेवेंडर। इन प्रजातियों के कृषिकरण पर किसानों को पचास प्रतिशत अनुदान भी दिया जाएगा।


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