15 दिसंबर संसद सत्र, नोटबंदी और GST पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
15 दिसंबर से शुरू होने जा रहा संसद का शीतकालीन सत्र 5 जनवरी तक चलेगा। माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र हंगामेदार होगा। क्योंकि कांग्रेस समेत विपक्षी दल कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर ले सकते हैं। संभावना है कि इस सत्र में जीएसटी और नोटबंदी को लेकर विपक्ष सरकार पर हमला करेगी। शुरूआत से ही विपक्ष जीएसटी और नोटबंदी को लागू करने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया कदम बताती आई है।
शीतकालीन सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी। वहीं पिछले साल की तुलना में इस साल शीत सत्र लगभग एक महीने की देरी से शुरू हो रहा है। इस पर विपक्षी दलों ने सरकार पर गुजरात चुनाव के चलते सत्र देरी से बुलाने का आरोप भी लगाया है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ राज्यसभा की पहली पंक्ति में जगह दी गई है। शाह को जो सीट दी गई है, उस पर पहले उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू बैठते थे। उनके उच्च सदन का सभापति बन जाने से बीजेपी अध्यक्ष को ये खाली सीट दी गई है।
शाह के पहली पंक्ति में आने से जहां सत्ताधारी पक्ष अब ज्यादा मजबूती से अपनी बात कह सकेगा। वहीं विपक्ष के तीन वरिष्ठ नेताओं की पहली पंक्ति में गैरहाजिरी से विरोधी खेमे को नुकसान होगा। इनमें जदयू के बागी नेता शरद यादव की संसद सदस्यता जहां खत्म कर दी गई है। वहीं माकपा के सीताराम येचुरी रिटायर हो गए हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसी साल जुलाई में अपनी आवाज दबाए जाने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। नीतीश कुमार के जदयू के राजग में शामिल हो जाने से इसके सदस्य अब विपक्षी बेंचों की जगह सत्ता पक्ष में बैठेंगे। राज्यसभा सचिवालय ने नए सदस्यों के बैठने की व्यवस्था कर सूचना जारी कर दी है। वहीं इस बार सत्र में कई महत्वपूर्ण बिलों पर भी चर्चा होने की भी संभावना है। सत्ता पक्ष इस बार तीन तलाक खत्म करने के लिए बिल ला सकती है। ऐसे में उम्मीद है कि विपक्षी पार्टियों के हंगामे के बीच इस सत्र का तापमान काफी बढ़ने वाला है।