April 25, 2024

उत्तराखंड:2020 तक राज्य में संचालित परिवहन निगम की सभी बसों को सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा

देहरादून। पर्यावरण की सुरक्षा और सहेजने में देशभर में अहम भूमिका निभा रहा उत्तराखंड जल्द ग्रीन पब्लिक ट्रांसपोर्ट की ओर कदम बढ़ाने जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की पहल पर सरकार ने यह फैसला लिया है। अगले तीन वर्षों यानी 2020 तक राज्य में संचालित परिवहन निगम की सभी बसों के साथ ही निजी क्षेत्र की परिवहन सेवाओं का 25 फीसद सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा।

हरिद्वार जिले तक सीएनजी पाइपलाइन पहुंचने से उत्साहित सरकार अगले वर्ष मार्च तक हरिद्वार और दिसंबर तक देहरादून में भी सीएनजी फिलिंग स्टेशन स्थापित करने की तैयारी में है। इसके लिए आइओसी से संपर्क साधा गया है। वहीं दून स्मार्ट सिटी योजना के तहत सौ इलेक्ट्रिक बसें चलाने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है।

उत्तराखंड की आने वाले दिनों में पहचान ग्रीन पब्लिक ट्रांसपोर्ट अपनाने वाले राज्य के तौर पर भी होगी। ऐसा हुआ तो सबसे पहले देहरादून समेत हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिलों की तेजी से बिगड़ती आबोहवा सुधरना तय है।

राज्य में अभी वाहनों के प्रदूषण की समस्या से देहरादून शहर सर्वाधिक पीड़ित है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुधार पर खासा जोर दे रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह इस संबंध में परिवहन महकमे की बैठक ले चुके हैं।

परिवहन सचिव डी सेंथिल पांडियन ने बताया कि राज्य के परिवहन को ग्रीन इनर्जी और ग्रीन पब्लिक ट्रांसपोर्ट में शिफ्ट करने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत राज्य में संचालित परिवहन निगम की सभी बसों खासतौर पर देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल में सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा।

इसके साथ ही निजी ऑटो, टैक्सी, बसों और अन्य वाहनों को भी कई तरह से छूट देकर सीएनजी में बदलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वर्ष 2010 तक निजी क्षेत्र की परिवहन सेवाओं का 25 फीसद सीएनजी से जोड़ने की योजना है।

उन्होंने बताया कि परिवहन निगम की बसों को सीएनजी में बदलने पर 11 करोड़ का खर्च आएगा। मुख्य सचिव ने बिजली से चलने वाली बसें और अन्य वाहन ईएसएल कंपनी से लेने का सुझाव भी दिया है। केंद्र सरकार का भी राज्यों को ईएसएल कंपनी के जरिये बिजली के वाहन किराये पर देने का प्रस्ताव है।

परिवहन सचिव के मुताबिक सीएनजी की पाइपलाइन मंगलौर, रुड़की होते हुए हरिद्वार पहुंच रही है। अगले साल यानी 2018 के मार्च माह के अंत तक हरिद्वार में सीएनजी फिलिंग सेंटर स्थापित होगा। ऊधमसिंहनगर में आइओसी एक निजी कंपनी के साथ इस दिशा में प्रयासरत है। अगले साल दिसंबर तक देहरादून में भी सीएनजी फिलिंग सेंटर स्थापित किए जाने की दिशा में प्रयास चल रहे हैं।

पर्यावरण संरक्षण की नई पहल

-सीएम त्रिवेंद्र रावत की पहल पर कार्ययोजना को दे रहे अंतिम रूप

-2020 तक परिवहन निगम की तकरीबन सभी बसें होंगी सीएनजी

-25 फीसद निजी ट्रांसपोर्ट को भी सीएनजी से जोड़ने की तैयारी

-दून स्मार्ट सिटी के लिए सौ इलेक्ट्रिक बसों का प्रस्ताव

-अगले मार्च तक हरिद्वार और दिसंबर तक दून में सीएनजी फिलिंग स्टेशन


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