विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की कथित बगावत के पीछे हरिद्वार में ज़िला पंचायत संचालन के लिए बनाई गई तीन सदस्य समिति
भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की कथित बगावत के पीछे हरिद्वार में ज़िला पंचायत संचालन के लिए बनाई गई तीन सदस्य समिति पर एकाधिकार पाने की कोशिश है। दरअसल चैंपियन समिति के एक सदस्य मोहम्मद सत्तार को हटाना चाहते हैं लेकिन सरकार उनकी सुन ही नहीं रही।
उत्तराखंड की सियासत में अपने बयानों से खलबली मचाने वाले भाजपा के खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन राजनैतिक वर्चस्व की लड़ाई अपने राजनैतिक विरोधियों के बजाये अपनों से ही लड़ रहे हैं।
हरिद्वार में जिला पंचायत को भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित किए जाने के बाद सरकार ने जिला पंचायत संचालन के लिए जो तीन सदस्य समिति बनाई उसमें चैंपियन की पत्नी रानी देवयानी और अमीलाल के अलावा बीएसपी से जुड़े मोहम्मद सत्तार भी हैं। चैंपियन को मोहम्मद सत्तार के सदस्य बनाए जाने पर आपत्ति है वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखकर शिकायत कर चुके हैं।
कहीं सुनवाई न होने पर चैंपियन ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात कर अपनी बात रखी। चैंपियन के बयानों से असहज हुई भाजपा ने अनुशानहीनता के मामले में चैंपियन को कारण बताओ नोटिस कर दिया है।
दरअसल चैंपियन ने पहली बार अपनी सरकार और पार्टी के खिलाफ बयान कोई पहली बार नहीं दिया है। चैंपियन इससे पहले कांग्रेस में थे और वहां भी चैंपियन ने अपने बयानों से राजनैतिक सुखियां बटोरी थीं।
चैंपियन अब भाजपा में है और यहां भी वह इसी तरह से अपने बयानों से चर्चित हुए हैं। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने इस मामले पर कहा कि चैंपियन को अपनी बात पार्टी फोरम में रखनी चाहिए थी। चैंपियन को बयानों से पार्टी और मंत्रियो को असहज नहीं करना चाहिए।
प्रदेश प्रवक्ता ने समिति में दूसरे दल के व्यक्ति को शामिल किए जाने पर कहा कि यह पार्टी की रणनीति का हिस्सा है और चैंपियन को याद रखना चाहिए कि वह भी कांग्रेस से भाजपा में आए हैं।
कांगेस भी अब चैंपियन के मुद्दे पर भाजपा को घेर रही है। कांग्रेस के पूर्व विधायक राजेन्द्र भंडारी ने कहा कि अनुशासन वाली पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा चैंपियन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं करती। उन्होंने इसे भाजपा की करनी और कथनी में अंतर करार दिया।