April 24, 2024

किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ला रही है जैविक कृषि कानून

उत्तराखंड सरकार जल्द ही प्रदेश में जैविक कृषि कानून लाने जा रही है। जैविक कृषि कानून के लागू होने से प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलने के साथ किसानों की आय दोगुनी करने का सरकार का सपना भी सहाकार हो सकेगा।

राज्य गठन के तीन वर्ष बाद ही प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश मे जैविक बोर्ड का गठन किया गया था। इसके बाद बोर्ड ने सटीफिकेशन ऐजेंसी को स्थिापित कर अल्मोडा के मचखाली मे एक ट्रेनिंग सेंटर को भी स्थापित किया गया था।

जैविक बोर्ड परिषद के एमडी विनय कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पोषित माइक्रो मोड योजना के तहत प्रदेश के सभी 95 विकासखंडों के 239 गांव में बायो विलेज योजना के जरिए जैविक खेती का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

विनय कुमार ने आगे बताया कि चारधाम यात्रा के मार्ग में आने वाले सभी सभी जिलों को जैविक बनाया जाएगा। परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत राज्य का जैविक बोर्ड किसानों को प्रोत्साहित करने के लिहाज से कृषकों के 42 कृषि उत्पाद में से कुछ खास उत्पाद पर ही फोकस करने में जुटा है। उन्होंने बताया कि मौजूदा वक्त में राज्य के किसानों के कृषि उत्पाद विशेष रूप से बासमती चावल को 12 से 24 करोड़ टन निर्यात करने का लक्ष्य निर्धारित किया जा रहा है।

गौरतलब है कि एक मैदानी जनपद हरिद्वार सहित चयनित 585 क्लस्टरों में 201 को जैविक किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत मौजूदा समय के जैविक उत्पाद से जुडे 30,000 किसानों की तादात को बढाने के उद्देश्य से इस योजना के तहत 2,000 क्लस्टरों की अतिरिक्त मांग केन्द्र सरकार से भी की जा रही है। जिसके तहत जहां 40000 हेक्टेयर क्षेत्रफल का PCS प्रमाणीकरण और करीब डेढ़ लाख किसानों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।


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