बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या, जेलर समेत 4 निलंबित, न्यायिक जांच के आदेश
उत्तर प्रदेश की बागपत जिला जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस वारदात के बाद जेल प्रशासन से लेकर लखनऊ तक अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। मुन्ना बजरंगी की हत्या के पीछे वेस्ट यूपी और उत्तराखंड में सक्रिय सुनील राठी गैंग का हाथ बताया जा रहा है। सुनील राठी यूपी के साथ उत्तराखंड में सक्रिय है। सुनील की मां राजबाला छपरौली से बसपा से चुनाव लड़ चुकी है। इस मामले में सीएम के आदेश के बाद जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, अरजिंदर सिंह (हेड वार्डन) और माधव कुमार (वार्डन) को निलंबित कर दिया गया है।
गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि, जेल परिसर के अंदर होने वाली ऐसी घटना एक गंभीर बात है। जिम्मेदार लोगों के खिलाफ गहन जांच और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पिछले साल 2017 में बसपा के पू्र्व विधायक लोकेश दीक्षित से मुन्ना बजरंगी और सुल्तीन ने रंगदारी मांगी थी। साथ ही जान से मारने की भी धमकी दी थी। इसी केस में आज उसकी कोर्ट में पेशी थी, रविवार सुबह झांसी जेल से लाकर उसे रात 9 बजे बागपत जेल में शिफ्ट किया था। बताया जा रहा है कि आज सुबह सुनील राठी और मुन्ना बजरंगी में झगड़ा हुआ जिसके बाद मुन्ना बजरंगी को गोली मार दी गई। इस दौरान कई राउंड फायरिंग हुई। पुलिस आलाधिकारी जेल में मौजूद हैं और मामले की जांच कर रहे हैं। बताया गया कि कुछ दिन पहले ही मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने अपने पति की जान को खतरा बताया था। मुन्ना की पत्नी ने दो दिन पहले लखनऊ में अपने पति की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था।