April 26, 2024

लेनिन के बाद अब तमिलनाडु में तोड़ी गई पेरियार की मूर्ति

त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति पर बुलडोजर चलाने के बाद तमिलनाडू के वेल्लुर जिले में मंगलवार रात समाज सुधारक एवं द्रविड़ आंदोलन के संस्थापक ई वी रामासामी ‘पेरियार’ की प्रतिमा कथित रूप से क्षतिग्रस्त कर दी गई। इस घटना के बाद जिले में हंगामा हो गया है। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है।

पुलिस का दावा है कि नशे में धुत दो शराबियों ने इस घटना को अंजाम दिया है। मुथुरमन और फ्रांसिस नाम के इन लोगों ने तिरुपत्तूर में लगी पेरियार की प्रतिमा को क्षति पहुंचाई है। इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि मुथुरमन के भाजपा कार्यकर्ता होने की संभावना है जबकि फ्रांसिस एक माकपा कार्यकर्ता है। पुलिस अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि पेरियार की मूर्ति चेहरे से क्षतिग्रस्त हुई है। घटनास्थल पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।

दूसरी ओर, बताया जा रहा है कि इस घटना पर राजनीतिक पारा तब चढ़ गया जब एक भाजपा नेता ने सोशल नेटवर्किग साइट पर अपनी पोस्ट में लिखा था कि ‘लेनिन कौन है? भारत से उनका क्या रिश्ता है? वामपंथियों का भारत से क्या रिश्ता है? त्रिपुरा में लेनिन की प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया गया है। आज लेनिन की प्रतिमा, कल तमिलनाडु के ईवीआर रामास्वामी (पेरियार) की प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया जाएगा।’

जानिए, कौन थे पेरियार

तमिलनाडु में ईवी रामास्वामी यानी पेरियार (1879-1973) ने प्रसिद्ध पेरियार आंदोलन चलाया था। यह आंदोलन नास्तिकता (या तर्कवाद) के प्रसार के लिए जाना जाता है। इसके बाद उन्होंने द्रविड़ कड़गम नाम से राजनीतिक पार्टी बनाई थी। इसकी विभिन्न शाखाओं और डीएमके जैसी द्रविड़ियन पार्टियों के सदस्यों ने खुले तौर पर नास्तिकता का प्रसार और उसे स्वीकार किया। हालांकि, समय बीतने के साथ ही इसके कुछ मानने वालों ने धर्म और धार्मिक रीतियों का पालन शुरू कर दिया, जिसके खिलाफ पेरियार ने जीवन भर संघर्ष किया था।

त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति पर चलाया बुलडोजर

त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद वहां हिंसा ने उग्र रुप ले लिया है। कई दुकानों में तोड़फोड़ और घरों में आग लगाने की खबरें सामने आ रही हैं। वामपंथी स्मारकों को पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। खबरों के अनुसार भाजपा समर्थकों ने साउथ त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के बेलोनिया सबडिविज़न में रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति पर बुलडोजर चला कर उसे तहस नहस कर दिया है। ये मूर्ती पिछले पांच साल से यहां खड़ी थी। इस घटना के बाद वामपंथी दल और कैडर नाराज है। त्रिपुरा में जिन इलाकों से हिंसा की घटनाओं की जानकारी मिल रही थी, वहां धारा 144 लागू कर दी गई है।


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