एक्सक्लूसिव पार्ट-2ः राजभवन के आदेश को ठेंगा, सरकार की शाह पर बीएफआईटी में गड़बड़झाला
देहरादूनः एजुकेशन हब कहे जाने वाले देहरादून में कई एजुकेशन माफिया बैठै हुए है।। जो युवाओं को गुमराह कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। बिडंबना देखिए कि ऐसे एजुकेशन माफिया को सरकार और शासन का संरक्षण प्राप्त है। कहने को तो यह बात भी देहरादून की फिजाओं में तैरती रहती है कि खुद राजभवन के अधिकारी भी इन माफियाओं को पनाह देते है। ताजा मामला सुद्धोवाला स्थित बाबा फरीद इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाॅजी का है। इस काॅलेज की बुनियाद ही फर्जीवाड़े के साथ रखी गई है। बाबा फरीद इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाॅजी में न तो राज्य सरकार के नियम कानून चलते हैं और न यूजीसी और राज्य विश्वविद्यालयों के। इस काॅलेज का प्रबंधन तंत्र इतना सक्रिय है कि वह अपने पैसे और प्रभाव के बल पर शासन-प्रशासन और यहां तक सरकार को भी मैनेज कर लेता है।
दरअसल बाबा फरीद इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाॅजी भ्रष्टाचार के कई मामलों में लिप्त है। इस काॅलेज पर विभिन्न विश्वविद्यालयों से नियम विरूद्ध कोर्स चलाने का भी आरोप है। जिसकी शिकायत बकायदा राजभवन से भी की गई। राजभवन ने भी बीएफआईटी के घपलों और घोटालों को संज्ञान लिया और 30 अगस्त 2017 को अपर मुख्य सचिव, तकनीकी शिक्षा को कड़ा पत्र लिखा। राजभवन द्वारा जारी पत्र में अपर मुख्य सचिव को बीएफआईटी के खिलाफ कठोर कार्रवाही करने के निर्देश दिये।
इतना ही नहीं राजभवन ने पत्र में आपत्ति जताते हुए लिखा कि पूर्व में दिये निर्देशों के क्रम में शासन की पत्रावली की टीपें और आज्ञाएं की स्थिति बताती है कि काॅलेज के खिलाफ आये शिकायती पत्रों पर कोई ठोस कार्यावाही नहीं की गई। राजभवन ने अपने पत्र में तकनीकी विश्वविद्यालय अनिनियम-2005 की धारा 26(1से 8) को बकायदा कोड़ किया और बीएफआईटी के खिलाफ शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
लेकिन गजब देखिए इस प्रदेश में एजुकेशन माफिया राजभवन पर भारी पड़ गया। सरकार और माफिया के सांठ-गांठ ने ऐसा गुल खिलाया कि काॅलेज के खिलाफ राजभवन द्वारा दिये गये निर्देशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और एक भ्रष्ट काॅलेज प्रबंधन को युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेलने के लिए खुला छोड़ दिया गया।