डाक विभाग के ‘सिस्टम’ में गुम हो गई इस बेटे के पिता की अस्थियां
इस बाबत शैलेंद्र ने सोमवार को राजपुर रोड स्थित डाक विभाग के कार्यालय में फरियाद की, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।
ऋषिकेश निवासी शैलेंद्र नेगी के अनुसार पिता गंभीर सिंह नेगी जर्मनी के होटल में नौकरी करते थे। 9 जुलाई 2017 को शैलेंद्र का पिता गंभीर सिंह नेगी का निधन जर्मनी में ही हो गया था। इसके बाद जर्मनी में मौजूद गढ़वाल के कुछ लोगों ने गंभीर सिंह नेगी का अंतिम संस्कार कर दिया।
डाक विभाग की लापरवाही से अपने पिता की अस्थियों का विसर्जन नहीं करा सका
इसके बाद शैलेंद्र ने पिता की अस्थियों के बाबत जर्मनी स्थित दूतावास से संपर्क किया। दूतावास से पिता की अस्थियां डाक के माध्यम से ऋषिकेश के इंदिरानगर स्थित घर के पते पर भेजने की बात कही गई।
इस संबंध में डाक विभाग की ट्रैकिंग आईडी भी दी गई, लेकिन पिता की अस्थियों वाला पार्सल नहीं मिला। इसके बाद शैलेंद्र ने डाक विभाग से संपर्क किया तो बताया गया कि संबंधित पते पर कोई न मिलने की वजह से पार्सल वापस भेज दिया गया।
इस पर जब डाक वापसी की ट्रैकिंग आईडी मांगी गई तो पता दिल्ली का निकला। शैलेंद्र का आरोप है कि डाक विभाग की लापरवाही से आज तक वह अपने पिता की अस्थियों का विसर्जन नहीं करा सका है। राजपुर रोड स्थित डाक विभाग के कार्यालय में भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं डाक विभाग की लापरवाही की वजह से शैलेंद्र का पूरा परिवार परेशान है। वहीं डाक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामले में उनके स्तर से जांच की जा रही है।