इंग्लैंड की पहली बाधा ट्यूनीशिया, दोनों टीमें करना चाहेंगी जीत से आगाज
चार साल पहले ग्रुप चरण में ही बाहर होने वाली इंग्लैंड की टीम सोमवार को जब विश्व कप के अपने पहले मुकाबले में ट्यूनीशिया के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो उसका लक्ष्य जीत के साथ आगाज करने का होगा। इसमें कोई शक नहीं की कोच गेरेथ साउथगेट की युवा ब्रिगेड ट्यूनीशिया के खिलाफ पूरे तीन अंक हासिल करने की प्रबल दावेदार है, लेकिन उसे विरोधी टीम से मिलने वाली चुनौती से सतर्क रहना होगा।
अगर थ्री लायंस की टीम इस मुकाबले में हार जाती है तो यह चौंकाने वाला परिणाम होगा। इंग्लिश टीम 2002 और 2006 दोनों के क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी और 2010 में अंतिम-16 में हार गई थी। 2014 में वह ग्रुप चरण में ही बाहर हो गई। हैरी केन की अगुआई वाली टीम ने नाइजीरिया और कोस्टा रिका के खिलाफ दोनों मैत्री अभ्यास मैच जीते हैं। जून 2017 में फ्रांस के हाथों मिली 2-3 की हार के बाद उसने कोई मैच नहीं गंवाया है। टीम की तैयारियां अच्छी रही हैं और खिलाड़ी उत्साह से लवरेज हैं।
कभी अफ्रीकी टीम से नहीं हारा इंग्लैंड
इंग्लैंड की टीम विश्व कप में कभी भी अफ्रीकी टीम से नहीं हारी है। अपने पिछले पांच विश्व कप में वह सिर्फ 2006 में ही ग्रुप चरण में शीर्ष पर रही है। इस विश्व कप में खेल रही सभी टीमों में से इंग्लैंड ही एकमात्र टीम है जिसके सभी खिलाड़ी घरेलू लीग में अपने क्लबों के लिए खेलते हैं।