April 20, 2024

अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ीं, बंगले में तोड़फोड़ की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन

सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा खाली किए गए 4, विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगले में तोड़फोड़ व नुकसान की जांच के लिए लोक निर्माण विभाग ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।

राज्य संपत्ति विभाग ने 4, विक्रमादित्य मार्ग आवास में बैडमिंटन कोर्ट, साइकिल ट्रैक, जिम समेत कई स्थानों पर तोड़फोड़ की जांच के लिए पीडब्ल्यूडी से सहयोग मांगा था। जवाब नहीं मिलने पर राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ल ने पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल को पत्र लिखा था।

उनके निर्देश पर बंगले की जांच के लिए मुख्य अभियंता भवन की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। इसमें निर्माण निगम के एमडी, चीफ आर्किटेक्ट और भवन एवं इलेक्ट्रिकल के एक-एक इंजीनियर को शामिल किया गया है। कमेटी जांच में निजी इंजीनियरों की मदद भी ले सकती है।

नए आशियाने का एनएसजी ने किया सेफ्टी ऑडिट

अपने नए घर में अखिलेश यादव।

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (एनएसजी) की टीम ने सोमवार को लखनऊ सुशांतो गोल्फ सिटी के स्प्रिंग विला स्थित पूर्व मुख्यमंत्रियों मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के एक ही लेन में बने आवासों का निरीक्षण किया। यहां महज चंद कदमों की दूरी पर दोनों ने अलग-अलग बंगलों में अपना आशियाना बनाया है।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद दोनों पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगला खाली करने के बाद हाल ही परिवार संग यहां सुशांतो गोल्फ सिटी में शिफ्ट हुए हैं। दोनों को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।

एनएसजी के अधिकारियों ने जिला प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन समेत कई अन्य विभाग के अधिकारियों के संग बैठक में दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा व्यवस्था का ऑडिट किया। बैठक में शामिल रहे एसडीएम सरोजनीनगर चंदन पटेल ने बताया कि एनएसजी ने दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास पर आवाजाही रोकने के लिए उचित बेरिकेडिंग न बनाए जाने पर नाराजगी जताते हुए तत्काल इसकी व्यवस्था कराने के निर्देश दिए।

इतना ही नहीं, आवासीय क्षेत्र में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था न होने और आसपास बने गार्डन में अलग से तेज रोशनी वाली लाइट की व्यवस्था को उपयुक्त नहीं पाया। एनएसजी ने अग्निशमन से जुड़े इंतजाम में खामियों को प्राथमिकता के आधार पर दूर कराने का भी निर्देश दिया।

एसडीएम सरोजनीनगर ने बताया कि एनएसजी के अफसरों ने दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवासों के सामने पुलिस व पीएसी के लिए निगरानी कक्ष बनाने का सुझाव भी दिया। स्प्रिंग विला में शिफ्ट होने के बाद दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एनएसजी की पहली सेफ्टी ऑडिट बैठक थी।


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