नहीं रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व सांसद और लेखक परिपूर्णानंद पैन्यूली
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व सांसद और लेखक परिपूर्णानंद पैन्यूली का शनिवार को देहरादून में निधन हो गया. 19 नवंबर 1924 को टिहरी में जन्मे परिपूर्णानंद पैन्यूली 94 साल के थे. सिर्फ 17 साल की उम्र में वह भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हो गए थे और करीब 6 साल जेल में रहे. 1946 में परिपूर्णानंद पैन्यूली ने टिहरी के राजशाही के खिलाफ आवाज़ उठाई. 1949 में टिहरी रियासत के संघ में विलय में उनकी अहम भूमिका रही. पैन्यूली 2 बार हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे. साल 1971 में उन्होंने पांचवें लोकसभा चुनाव में टिहरी के राजा को भारी अंतर से हराया. वह 1977 तक सांसद रहे. परिपूर्णानंद पैन्यूली 1972 से 1974 तक यूपी हिल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के पहले चेयरमैन रहे.
71 में टिहरी रियासत के पूर्व महाराजा मानवेन्द्र शाह को हराकर इतिहास लिखा
चन्द्रशेखर पैन्यूली इस घटना से काफी दुखी है। उन्होंने बताया कि 71 में टिहरी रियासत के पूर्व महाराजा मानवेन्द्र शाह को हराकर इतिहास लिखने वाले पूर्व सांसद और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रजामण्डल के प्रथम अध्य्क्ष रहे,मेरे कुल शिरोमणि परिपूर्णानंद पैन्यूली का लंबी बीमारी के बाद आज देहरादून के ओएनजीसी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 96 साल की उम्र में गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी चार बेटियां हैं। वर्तमान में वह देहरादून के बसन्त विहार के अपने निवास पर रहते थे। कल शुक्रवार रात तबियत बिगड़ने पर उनकी देखरेख कर रहे युवक ने उनको अस्पताल में भर्ती कराया। जहाँ आज शनिवार दोपहर को उनका निधन हो गया। उनकी 4 बेटियाँ है,दिल्ली से उनकी बेटी विजय दून पहुँच गए हैं। इसके अलावा अन्य रिस्तेदार भी जुटने लगे हैं।श्री पैन्यूली का पार्थिव शरीर अभी अस्पताल में है। परिजनों ने बताया कि राविवार को उनका अंतिम संस्कार होगा। आजादी के आंदोलन और टिहरी रियासत को आजाद भारत में विलय कराने में उनकी अहम भूमिका रही।उनका निधन मेरे लिए एक बड़ी क्षति है,ऐसे महान योद्धा,ईमानदार राजनेता का जाना बेहद दुःखद,ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे,उनका अविरल आशीर्वाद सदैव हमे आगे बढ़ने की शक्ति देता रहेगा, पैन्यूली ने बताया कि उनसे आखिरी मुलाकात कुछ माह पूर्व उनके निवास पर ही हुई थी।