April 19, 2024

मौनी अमावस्या पर मिलेगी पितृदोष से मुक्ति

मंगलवार दि॰ 16.01.18 को माघ अमावस्या अर्थात मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन मौन रहकर योग पर आधारित इस महाव्रत को किया जाता है। मुनि शब्द से ही ‘मौनी’ की उत्पत्ति हुई है इसलिए इस व्रत को मौन धारण करके व यमुना या गंगा में स्नान करके समापन करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है। चंद्रमा मन के स्वामी हैं पर अमावस्या को चंद्र दर्शन नहीं होने से मन कमजोर होता है। अतः मौन रखकर मन को संयम में रखने का विधान है। शास्त्रों ने मानसिक जाप को अधिक महत्व दिया है। माघ मास के अमावस्या स्नान का शास्त्रों में वर्णन है। सागर मंथन से धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। अमृत कलश की प्राप्ति हेतु देवों व असुरों के बीच खींचातानी से अमृत की कुछ बूंदें छलक कर प्रयाग, हरिद्वार नासिक व उज्जैन में जा गिरि। मान्यतानुसार इस दिन पवित्र संगम में तैंतीस कोटी देवताओं का निवास होता है इसलिए माघ अमावस्या पर संगम में स्नान से अमृत स्नान का पुण्य मिलता है। इस दिन हर, हरी व अश्वत तीनों के पूजन का विधान है जिससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है, गृहक्लेश से मुक्ति मिलती है, दुर्घटना से सुरक्षा मिलती है।

पूजन विधि: घर की पूर्व दिशा में लाल कपड़ा बिछाकर जल भरे दो कलश में तिल, उड़द व पीपल के पत्तों पर नारियल रखकर कलश स्थापित पर शिव व विष्णु का दशोपचार पूजन करें। चमेली के तेल का दीपक करें, गूगल से धूप करें, लाल फूल चढ़ाएं, सिंदूर, हल्दी, केसर चंदन से पूजन करें तथा गुड़ का भोग लगाकर लाल चंदन की माला से 108 बार इस विशिष्ट मंत्र जपें। पूजन के बाद गुड़ गाय को खिला दें।

पूजन मुहूर्त: दिन 11:30 से दिन 12:30 तक।
पूजन मंत्र: ह्रीं हरिहर मद-गज-वाहनाय नमः॥

आज का शुभाशुभ
आज का अभिजीत मुहूर्त:
 दिन 12:10 से दिन 12:51 तक।
आज का अमृत काल: दिन 13:58 से शाम 15:46 तक।
आज का राहु काल: दिन 15:06 से शाम 16:24 तक।
आज का गुलिक काल: दिन 12:30 से दिन 13:48 तक।
आज का यमगंड काल: प्रातः 09:55 से प्रातः 11:12 तक।

यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल उत्तर व राहुकाल वास पश्चिम में है। अतः उत्तर व पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।

आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर: 
लाल।
आज का गुडलक दिशा: दक्षिण।
आज का गुडलक मंत्र: ह्रीं हरिहर महा-शास्ताय नमः॥
आज का गुडलक टाइम: शाम 18:20 से शाम 19:20 तक।

आज का बर्थडे गुडलक: दुर्घटना से सुरक्षा हेतु पीपल पर सिंदूर मिले चमेली के तेल के 8 दीपक जलाएं।

आज का एनिवर्सरी गुडलक: गृहक्लेश के अंत हेतु शिव-विष्णु पर चढ़े पीपल के पत्ते घर के मेन गेट पर बांधे।

गुडलक महागुरु का महा टोटका: पितृदोष से मुक्ति हेतु शहद-दूध से पीपल को अर्घ्य देकर पीपल की 11 परिक्रमा करें।


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