April 24, 2024

Google ने प्ले स्टोर से हटा दीं 7 लाख Apps, ये रही वजह

Google ने पिछले साल में 7 लाख ऐप्स को अपने प्ले स्टोर से रिमूव कर दिया, यही नहीं उसने तमाम ऐप बनाने वाले करीब एक लाख डेवलपर्स को भी Play Store से बैन कर दिया है। Google ने इतना बड़ा कदम यूं ही नहीं उठाया है, बल्कि सोची-समझी पॉलिसी के तहत यह कदम उठाया गया है। Google ने अपने ऑफिशियल ब्लॉग में जानकारी दी है कि हटाई गई एप्स और उनके डेवलपर्स Google और प्ले स्टोर की पॉलिसीज का लंबे समय से उल्लंघन कर रहे थे। यही नहीं तमाम ऐसे डेवलपर्स भी इनमें शामिल थे जो कई तरह के मालवेयर वायरस और अश्लील कंटेंट भी प्ले स्टोर पर अपलोड करते थे, जोकि Google की पॉलिसी के सरासर खिलाफ है।

Google में बताया है कि साल 2017 में उसने जितनी ऐप को प्ले स्टोर से हटाया, वह साल 2016 के मुकाबले 70% ज्यादा थीं। लाखों की संख्या में प्ले स्टोर पर मौजूद ऐप की मॉनिटरिंग और उन पर नियंत्रण करने के लिए Google कोई मैनुयल सिस्टम नहीं बल्कि एक बड़े कंप्यूटर प्रोग्राम का इस्तेमाल करता है। जो तमाम तरह के खराब कंटेंट और मालवेयर को डिटेक्ट करके उसे रिपोर्ट भेजता रहता है।

 

अश्लील कंटेंट वाली ऐप भी हटाईं

Google द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उसने जिन ऐप को Android Play Store से हटाया है, उनमें से अधिकांश अश्लील कंटेंट से भरी पड़ी थीं। जिन्हें Google ने सबसे पहले रिमूव किया वैसे आपको बता दें कि Google Play Store ने पिछले साल ही गूगल प्ले प्रोटेक्ट नाम का एक प्रोग्राम लॉन्च किया था, जो प्ले स्टोर पर मौजूद हर किसी ऐप को स्कैन करता रहता है और उनमें छिपे हुए मालवेयर या किसी वायरस को भी ढूंढ कर बता देता है। कहने का मतलब यह है कि अगर आप गूगल प्ले स्टोर से कोई भी ऐप इंस्टॉल कर रहे हैं तो इंस्‍टॉलेशन के दौरान ऐप स्क्रीन पर आने वाले प्ले प्रोटेक्ट के ओके मैसेज को देखना ना भूलें। अगर प्ले प्रोटेक्ट उस ऐप को वेरीफाई नहीं करता या उसे OK नहीं बताता, तो आपको उस ऐप को अपने फोन में इंस्टॉल करने से बचना चाहिए। अन्यथा आपके फोन का इंपॉर्टेंट डाटा गायब हो सकता है या फिर आपके फोन में वायरस आ सकता है।

Play Store से Google द्वारा हटाई गई ऐप्स में भारी संख्या में ऐसी ऐप भी शामिल थी, जिन्हें कॉपीकैट कहा जा सकता है। देखने में ये ऐप्स बिल्कुल असली ऐप जैसी दिखती हैं, लेकिन सच तो यह है कि वो यूज़र को धोखा देती हैं और जो यूजर उनके जाल में फंस कर उन्हें अपने फोन पर इंस्टॉल कर ले। तो उसके स्मार्टफोन का सत्यानाश हो सकता है। वैसे एक्सपोर्ट्स का मानना है कि Android Play Store पर अंधाधुंध ऐप्स क्रिएट होने के कारण उनमें मालवेयर होने का ज्यादा अंदेशा रहता है और यह ऐप्स तमाम एंड्रॉयड यूजर्स के लिए नुकसानदायक भी हो सकती हैं। दूसरी तरफ iPhone का ऐप स्टोर ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। खैर फेक और बैड ऐप्‍स को प्‍ले स्‍टोर से हटाकर गूगल ने भी पुन्‍य का काम किया है, सभी एंड्राएड यूजर्स को गूगल के लिए जरूर दुआ करनी चाहिए!


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