April 27, 2024

विश्वविद्यालयों में अराजकता चिंताजनक-राज्यपाल राम नाईक

राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि प्रदेश में जहां माफिया पर कार्रवाई बेहतर ढंग से की जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यप्रणाली प्रशंसनीय है। वहीं प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अराजक माहौल चिंताजनक है। श्री नाईक ने कहा कि यूपी के लोग उन्हें जनता का राज्यपाल कहते हैं,  ऐसा सुनकर अच्छा लगता है।  
राज्यपाल राम नाईक 22 जुलाई को अपने कार्यकाल के चार साल पूरे करेंगे। राज्यपाल ने इस मौके पर ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि कुछ विश्वविद्यालयों में अशांति का माहौल है। इनमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विवि और लखनऊ का बाबा साहेब अंबेडकर विश्वविद्यालय केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। यही स्थिति लखनऊ विश्वविद्यालय में दिखाई दी। लखनऊ छोड़कर बाकी केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। 
श्री नाईक ने कहा कि जहां तक छात्रसंघ चुनावों का सवाल है, छात्रसंघ चुनाव होने चाहिए लेकिन इसके लिए विश्वविद्यालयों, शिक्षकों और छात्रों सभी को मिलकर परिसर का माहौल सौहार्दपूर्ण बनाना होगा। विश्वविद्यालयों में तमाम सुधारों के लिए यूपी के विश्वविद्यालय एक्ट-1973 में बदलाव के लिए उन्होंने एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने अंतिम रिपोर्ट दे दी है। जिसे विचार और निर्णय के लिए राज्य सरकार को भेज दिया है। रिपोर्ट में कुलपतियों का कार्यकाल पांच साल करने की सिफारिश भी है। 
माफिया के खिलाफ कार्रवाई पर सरकार गंभीर:सरकार के सामने कानून-व्यवस्था की चुनौती के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कानून-व्यवस्था ठीक करने के लिए गंभीरता से काम हो रहा है। खासतौर से माफिया पर कार्रवाई के मामले में सरकार गंभीरता से काम कर रही है। मारामारी, हत्या और बलात्कार जैसे व्यक्तिगत अपराधों में भी उचित कार्रवाई का प्रयास हो रहा है। कुल मिलाकर सरकार कानून व्यवस्था सुधारने का प्रयास कर रही है, जिसे उसे आगे भी जारी रखना होगा। 
अभिभाषण पर हंगामा ठीक नहीं :श्री नाईक ने कहा कि संसद में राष्ट्रपति और राज्यों में राज्यपाल का अभिभाषण अहम होता है। परंपरा यह रही है कि ऐसे भाषण में बाधा नहीं डालनी चाहिए। संसद में तो इसका पालन होता है, लेकिन यूपी विधानमंडल में इसका पालन नहीं हो रहा। जनतंत्र में विरोध करने की परंपरा है लेकिन अनेक उपयुक्त साधन हैं। राज्यपाल के अभिभाषण में बाधा पहुंचाना विपक्षी विधायकों का कृत्य सर्वथा निंदनीय है। गरिमा बचाए रखने के लिए इसे खत्म करना होगा।  

 योगी-अखिलेश दोनों अच्छे 
राज्यपाल राम नाईक कहते हैं कि चार साल के कार्यकाल में उन्होंने दो मुख्यमंत्री देखे, योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव। व्यक्तिगत रूप से दोनों अच्छे हैं। हां, दोनों की कार्यपद्धति अलग-अलग है। उसका मूल्यांकन मुख्यत: जनता करती रहती है लेकिन उनके दोनों से अच्छे व्यक्तिगत संबंध रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने यूपी स्थापना दिवस मनाने का फैसला करके उनकी बात का सम्मान किया, अखिलेश ने उनके कहने पर अपने कार्यकाल में कुष्ठ रोगियों को ढाई हजार रुपये पेंशन देकर बड़ी राहत दी। वे कहते हैं जहां तक बंगले में तोड़फोड़ को लेकर कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखने का सवाल है, ऐसा करके मैंने अपना कर्तव्य निभाया। 

इन्वेस्टर्स समिट के एमओयू जमीन पर उतारने की जरूरत
राज्यपाल ने कहा कि वे चाहते हैं कि यूपी उत्तम प्रदेश से भी बढ़कर देश का सर्वोत्तम प्रदेश बने, इसके लिए यूपी में औद्योगिक विकास की जरुरत है। कृषि को बढ़ावा दिया जाए। इन्वेस्टर्स समिट में हुए एमओयू को जमीन पर उतारने की जरुरत है। इसके लिए प्रयास करने होंगे। 


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com