एच-1बी वीजा में सख्ती से 5 लाख भारतीयों पर असर,छोड़ना पड़ेगा यूएस
ट्रंप प्रशासन एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रहा है जिसके पास हो जाने के बाद 5 लाख से ज्यादा भारतीयों को नौकरी छोड़ देश लौटना पड़ सकता है। इस प्रस्ताव के मुताबिक, ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार कर रहे लोगों के एच-1 बी वीजा का विस्तार नहीं किया जाएगा।जिसके कारण उन्हें अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है।
अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग इन नियमों को बनाने पर विचार कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी वादे बाई अमेरिकन, हायर अमेरिकन के तहत एच-1 बी वीजा का एक्सटेंशन रोका जाएगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, अमेरिका का मौजूदा कानून विदेशी श्रमिकों को तीन साल का एच-1 बी वीजा देता है। इसे तीन साल तक बढ़ाने की भी अनुमति है। यदि उन 6 सालों में आवेदक ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई करता है तो उसके वीजा को लगभग अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया जाता है। जिसके बाद वो वहां पर हमेशा के लिए रह सकता है और काम कर सकता है।
भारत और चीन से जाता है सबसे ज्यादा ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन
भारत और चीन जैसे देशों से गए लोगों का ग्रीन कार्ड के लिए बहुत आवेदन जाता है। ग्रीन कार्ड का बैकलॉग बहुत बढ़ चुका है। भारत-चीन जैसे देशों के लोग काम के सिलसिले में अमेरिका जाते हैं और औसतन 10 से 12 साल यहां रहते हैं। जो प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है उसके तहत ग्रीन कार्ड पर कार्रवाई होगी जबकि तीन साल के लिए वीजा पाए लोग वहां रह सकते हैं।
ट्रंप प्रशासन उस रियायत को खत्म करने पर विचार कर रहा है, जिसके तहत 6 साल रहने के बाद एच-1 बी वीजा धारक ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई करता है और उसके प्रक्रिया को पूरा होने में जो समय लगता है तब तक वह अमेरिका में रह सकता है। इसके खत्म होने के बाद उसे प्रक्रिया पूरी होने अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है।
इस वीजा का मकसद अमेरिका में कुशल श्रमिकों की कमी को दूर करना था
तकनीकी तौर पर, ट्रंप प्रशासन नियमों में संशोधन करने के लिए कानून के भीतर सही और ठीक है क्योंकि एच -1 बी का मतलब अमेरिका में कुशल श्रमिकों की कमी को दूर करने के लिए था, न कि इमिग्रेशन का रास्ता बन जाने के लिए। लेकिन इन वर्षों में, हजारों कुशल विदेशी श्रमिकों, विशेष रूप से भारतीयों और चीनी ने एच -1 बी मार्ग का इस्तेमाल पहले स्थायी निवासी (ग्रीन कार्ड धारकों) बनने के लिए किया है और फिर अमेरिका का नागरिक बन गए हैं।
ट्रंप प्रशासन ने पहले ही कंपनियों द्वारा विदेशियों को हायर करने को लेकर कड़े नियम बनाए हैं। इसके साथ ही प्रोसेसिंग फी बढ़ाने के साथ मिनिमम सैलरी को बी बढ़ा दिया गया है। मौजूदा नियमों में परिवर्तन से सबसे ज्यादा भारत पर असर पड़ेगा। वर्तमान में जारी किए जा रहे 85 हजार वीजा में से 50 प्रतिशत भारतीयों को जारी होता है। जिसका मतलब हुआ कि पिछले 6 सालों में एच-1 बी वीजा के साथ 2 लाख 55 हजार भारतीय अमेरिका में रह रहे हैं। इसके अलावा हजारों की संख्या में भारतीयों का ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन लंबित है।