हिमाचल प्रदेश की बनी 6 दवाइयों के सैंपल हुए फेल, तुरंत स्टॉक हटाने का आदेश
हिमाचल प्रदेश के उद्योगों द्वारा निर्मित दवाओं के सैंपल एक बार फिर फेल हो गए है। जिससे की राष्ट्रीय स्तर पर राज्य की छवि खराब हो गई है। राज्य में बनने वाली 6 दवाइयों की सैंपल जांच में फेल हो गए है।
इन सैंपल दिल की बीमारी, एंटी बायोटिक, कब्ज हड्डियों व गैस्टिक के लिए बनी छह दवाइयों के सैंपल फेल पाए गए। इन सभी दवाइयों का उत्पादन प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बी.बी.एन. (बद्दी, बरोटीवाल, नालागढ़) में ही हुआ है। केंद्रीय दवा मानकनियंत्रण संगठन (सी.डी.एस. सी.ओ.) ने देशभर में इस माह ड्रग अलर्ट जारी किया है। उन दवाइयों के पूरे स्टॉक को मार्केट से हटाने के आदेश दिए गए है।
गौरतलब है कि देशभर में 37 दवाइयों के सैंपल फेल हो गए है। जिसमें से की 6 दवाइयां हिमाचल में बनी हुई है।
आपको बता दें कि देश में बनने वाली 251 दवाइयों में से 80 दवाइयां हिमाचल में बनती हैं। इस मामले को लेकर राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने कहा कि प्रदेश के जिन उद्योगों के सैंपल फेल हुए हैं उनसे दवाओं के पैच वापिस मंगवाने को कहा गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक मैसर्ज आईओन हैल्थ केयर बद्दी की डूलैक्श का बैच नम्बर टी. 7060302, मैसर्ज हनूकैम मानपुरा बद्दी की अजीथ्रोमयसिन ओरल सस्पैंशन का बैच नम्बर एल. 1624702, मैसर्ज अलाइंस बायोटैक काठा बद्दी की पैंटोप्रेजोल का बैच नम्बर ए.डी.जी. 135, मैसर्ज ओ.ए.सिस. फार्मा लोदीमाजरा नालागढ़ की कैलसिट्स का बैच नम्बर आई.ओ.एल. 161004, मैसर्ज अल्ट्राटैक फार्मास्यूटिकल टिपरा बरोटीवाला की डोटोव 80 का बैच नम्बर यू.एल.टी. 10271 व यूनिसन फार्मास्यूटिकल झाड़माजरी बद्दी की मैटोप्रोलोल के बैच नम्बर यू.एम.एक्स.टी.-09 के सैंपल फेल हो गए हैं।