सरकारी उपेक्षा से नाराज हैं पूर्व हॉकी कप्तान पद्मश्री मो. शाहिद की पत्नी, लौटाएंगी सभी सम्मान
भारतीय हॉकी को नए मुकाम पर पहुंचाने वाले पद्मश्री मोहम्मद शाहिद की पत्नी परवीन ने सरकारी उपेक्षा के विरोध में पति को मिले सभी मेडल वापस करने का फैसला किया है।
20 जुलाई को मो. शाहिद की पुण्यतिथि पर परवीन दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेडल और अन्य पुरस्कार लौटाएंगी। मो. शाहिद को अर्जुन पुरस्कार और यश भारती सम्मान समेत अन्य पुरस्कार मिले थे।
पद्मश्री मो. शाहिद की पत्नी परवीन ने सोमवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि दो साल पहले 20 जुलाई को उनके पति का इंतकाल हुआ तो उनके परिवार को सांत्वना देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार के मंत्री आए थे।
पीएम मोदी ने भी कार्ड भेजकर दुख प्रकट किया था। दो साल बाद सरकार और खिलाड़ी उनके पति को भूल गए हैं। उस समय वाराणसी के डीएलडब्ल्यू स्थित स्टेडियम का नामकरण मो. शाहिद के नाम पर रखने, हॉकी खिलाड़ियों का सम्मान करने और हर साल ाष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट कराने का आश्वासन दिया गया था।
पीएम मोदी से मिलने का मांगा समय, लेकिन नहीं मिला
1980-81 में मिला था अर्जुन पुरस्कार
मोहम्मद शाहिद का जन्म 14 अप्रैल, 1960 को बनारस में हुआ था। शाहिद 1980 में मास्को में हुए ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे।
इसके अलावा वह 1982 के एशियन गेम्स में रजत पदक और 1986 के एशियाड खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के भी सदस्य थे। उन्हें 1980-81 में अर्जुन पुरस्कार और 1986 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।