आज शाम होलिका दहन का ये है शुभ मुहूर्त, करें ये काम, मिलेगा लाभ
शास्त्रों में होलिका दहन की रात को सिद्धि की रात कहा गया है। इसका महत्व महाशिवरात्रि, दीपावली, नवरात्रि की तरह महारात्रि माना गया है। आज की होलिका दहन भी बहुत खास है। काशी में होली का रंग चढ़ने लगा है। जिले भर की होलिकाओं में लकडि़यां, गोहरी, सजाकर लगाई जा रही है।
बुधवार को ढोल नगाड़े के साथ होलिका और प्रह्लाद की प्रतिमाएं होलिका स्थल पर स्थापित की गई। इन प्रतिमाओं को झालर मोतियों से सजाया गया है। इसके चारों ओर जलावन लकड़ी लगाए गए हैं।
ज्योतिष शास्त्री एवं वास्तु सलाहकार पंडित दीपक मालवीय ने बताया कि प्रदोष व्यापिनी फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन होगा। शास्त्रों के अनुसार गुरुवार को भद्रा के बाद शाम 6:58 बजे के बाद होलिका का दहन होगा। इसके बाद अगले दिन शुक्रवार को रंगों की होली होगी। होलिका का भस्म मस्तक पर लगाकर भावी संवत्सर की मंगल कामना की जाती है। इससे हर प्रकार के विकास दूर होते हैं।
काशी में घरों से घाट तक रंगों का उल्लास छाने लगा है। होली का चंदा लेने वाले रास्ते में लोगों को रोक रहे हैं। उन्हें अबीर लगाकर होलिका के नाम पर चंदा लेने का क्रम शुरू हो गया है। देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और सैलानी काशी पहुंचने लगे हैं। इनमें अधिकतर विदेशी सैलानी काशी में होली मनाने आए हैं। होली बारात की भी तैयारियां शुरू हो गई हैं।
बड़ी बाजार स्थित प्राचीन होली बारात गुरुवार की शाम सात बजे निकलेगी। काशी की गंगा जमुनी तहजीब को कायम रखने वाली बारात में सतीश और साहिबा की शादी के लिए निकलने वाली बारात के मुख्य अतिथि प्रदेश के राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी होंगे। बारात गाजे बाजे आतिशबाजी के साथ बड़ी बाजार, लद्धनपुरा, कमालपुरा, छोहरा, आगागंज, कसाई बाड़ा, जैतपुरा, डिगीया, गोपालगंज, औसानगंज, डीएवी,नरहरपुरा, लोहटिया, दोषीपुरा, जमालुद्दीनपुरा होते हुए पुन: बड़ी बाजार शुक्रवार को आएगी।
शास्त्रों में होलिका दहन की रात को सिद्धि की रात कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि इन रातों में योग-योगनियां जागृत रहती हैं इसलिए पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और उसके अगले दिन रंगोत्सव मनाया जाता है। वैसे शास्त्रों में बताए गए नियमों के अनुसार इस साल होलिका दहन के लिए बहुत ही शुभ स्थिति बनी हुई है। होलिका दहन के दिन अगर आप ये उपाय करेंगे तो जीवन में कभी धन की कमी नहीं होगी।
– हनुमान मंदिर जाएं, पांच लाल फूल चढ़ाएं और हनुमान चालिसा का पाठ करें
– सालभर बाद आने वाला यह होली का त्योहार विशेष संयोग लेकर आ रहा है। इसलिए इस दिन माता-पिता का आशीर्वाद अवश्य लें। अगर संभव हो सके तो इसे आदत में डाल लें।
– होलिका दहन के दिन किसी जरूरतमंद को जरूरत की चीज अवश्य दें। किसी गरीब को खाना खिला दें।
– शिवलिंग पर राख या जल चढ़ाएं