April 20, 2024

आईएनएस कलवरी नौसेना में शामिल, हिंद महासागर में बढ़ेगा दम

मुंबई। आज भारतीय नौसेना में डीजल से चलने वाली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को शामिल कर लिया गया। पिछले 17 सालों में ये पहली भारतीय सबमरीन है, जिसे नौसेना में शामिल किया गया है।

स्कार्पीन क्लास की इस पहली पनडुब्बी में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसी वजह से इसकी मारक क्षमता काफी बढ़ गई है और इसे दुनिया में बेहतर माना जा रहा है। इसे मझगांव डॉक लिमिटेड ने बनाया है।

इस पनडुब्बी की खासियतें जानकार आप हैरान हो जाएंगे। इसे समंदर में भारत का ‘नया शार्क’ कहा जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कलवरी के विकास में लगे सभी कर्मचारियों को शुक्रिया और बधाई कहा। उन्होंने कहा कि कलवरी को राष्ट्र को समर्पित करना सौभाग्य की बात। 21वीं सदी के विकास का रास्ता हिंद महासागर से निकलेगा। प्रधानमंत्री ने भारतीय नौसेना को बधाई दी।

उन्होंने आगे कहा चाहे समुद्र के रास्ते आने वाला आतंकवाद हो, पाइरेसी की समस्या हो, ड्रग्स की तस्करी हो या फिर अवैध फिशिंग, भारत इन सभी चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज सवा सौ करोड़ भारतीयों के लिए बहुत गौरव का दिन है। मैं सभी देशवासियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आईएनएस कलवरी पनडुब्बी को राष्ट्र को समर्पित करना, मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। मैं देश की जनता की तरफ से भारतीय नौसेना को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं अर्पित करता हूं।

कलवरी की शक्ति, या कहें टाइगर शार्क की शक्ति हमारी भारतीय नौसेना को और मजबूत करेगी। यह मेक इन इंडिया का उत्तम उदाहरण है।

जाने आईएनएस कलवरी को

– आईएनएस कलवरी की कुल लंबाई 67.5 मीटर है, वहीं उसकी ऊंचाई 12 मीटर से ज्यादा है।

– आईएनएस कलवरी को DCNS( French Naval Defence And Energy Company) ने मझगांव डॉक लिमिटेड के साथ मिलकर तैयार किया है।

– पानी की अंदर इसकी ताकत को देखते हुए ही इसे कलवरी नाम दिया गया है। जिसे मलयालम में टाइगर शार्क कहा जाता है। पानी के भीतर इसकी तेजी, हमला करने की क्षमता गजब की है। कलवरी का ध्येय वाक्य है ‘हमेशा आगे’, जो ये बताने के लिए काफी है, इसे किस सोच के साथ तैयार किया गया है।

– भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली 6 स्कार्पीन क्लास पनडुब्बी में से ये पहली है।

– भारत की दूसरी पनडुब्बियों से आईएनएस कलवरी कम शोर करती है और ये उन्नत तकनीक से लैस है।

– कलवरी में इंफ्रारेड और कम रोशनी में काम करने वाले कैमरे लगे हैं, जो समुद्र की सतह पर दुश्मन के जहाज को पकड़ने में माहिर हैं।

– आईएनएस कलवरी में दुश्मन को खोजने और उस पर हमला करने वाला पेरीस्कोप लगा है।

– कलवरी में एंटी- शिप मिसाइल और लंबी दूरी तर मार करने वाले टॉरपीडो भी लगे हुए हैं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com