April 20, 2024

चौथे दिन भी पाक की तरफ से गोलाबारी जारी , 100 गांवों में दहशत का माहौल

पाकिस्तान की नापाक हरकतें लगातार चौथे दिन भी जारी है। अरनिया और हीरानगर सेक्टर में आज भी पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी हो रही है। हीरानगर में एक नागरिक की मौत हो गई है। जबकि दो घायल हो गए हैं। वहीं एक नागरिक अरनिया में गोलीबारी में घायल हुआ है।

तीसरे दिन पाकिस्तान ने आईबी से लेकर एलओसी पर पुंछ जिले के दिगवार सेक्टर तक गोले दागे गए। आईबी पर सांबा, अरनिया, रामगढ़, आरएस पुरा व हीरानगर सेक्टर में पाक ने भारी गोलाबारी की, जिसमें बीएसएफ के जवान, 70 वर्ष की एक वृद्ध महिला समेत आठ लोग घायल हो गए।

इन पांच सेक्टरों में गोलाबारी से 100 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं। पाक ने 30 से अधिक पोस्टों को निशाना बनाकर 80 व 120 एमएम के गोले दागे। कई मकानों को क्षति पहुंची है। 70 हजार से अधिक आबादी सुरक्षित स्थानों पर चली गई है। गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है। पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूल बंद हैं।

राहत शिविर सक्रिय कर दिए गए हैं। बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में पाक के कई बंकरों को नुकसान की सूचना है। एक रेंजर और चारवां गांव के तीन पाक नागरिकों के घायल होने की खबर है।

डिवकाम हेमंत शर्मा ने बताया कि आरएस पुरा तथा अरनिया सेक्टर में राहत शिविर सक्रिय कर दिए गए हैं। शिक्षण संस्थानों व सरकारी भवनों में स्थापित इन शिविरों में फिलहाल कुछ ही लोग पहुंचे हैं। ज्यादातर अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। शिविर में सभी सुविधाओं के प्रबंध किए गए हैं ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी

आरएस पुरा सेक्टर के अब्दुल्लियां, कोरोटाना खुर्द, नई बस्ती कोरोटाना, सुचेतगढ़, नेकोवाल, जोड़ा फार्म,  चंदू चक, सई खुर्द, लाइयां, विधिपुर, बेरा, बेगा, फ्लोरा, नई बस्ती, घराना और अरनिया सेक्टर के अरनिया, त्रेवा, पिंडी, सई, कदवाल कैंप व चिनिया गांव प्रभावित हुए हैं।

पाकिस्तान ने सोमवार रात आरएस पुरा सेक्टर की दस और अरनिया की बाहर पोस्टों सहित रिहायशी इलाकों का निशाना बना कर जमकर गोलाबारी शुरू कर दी, जो मंगलवार दोपहर तक जारी रही। आरएस पुरा सेक्टर के जोड़ा फार्म में मंगलवार को मोर्टार शेल गिरने से 13 कुल्ले राख हो गए।

सांबा जिले में मंगलवार सुबह आठ बजे पाकिस्तान की ओर से सीमावर्ती गांव बैनगलाड़, चक फकीरा, सदोह, रिगाल, चचवाल, मंगुचक, चक दुलमा पर एक साथ मोर्टार व मशीनगन से गोलाबारी शुरू कर दी, जो दोपहर बाद तक जारी रही। रिगाल, कंगवाला और चक दुल्मा के सदवाल गांव के आसपास भी गोले गिरे। सदोह के सामने सरकंडे में आग लग गई।

कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर की आठ पोस्टों पर पाकिस्तान ने मंगलवार सुबह गोलाबारी शुरू कर दी। दर्जनों गांव को भी निशाना बनाया गया। गोलाबारी में 97वीं बटालियन का जवान चौहान सिंह पानसर व बोबिया गांव में एक युवक घायल हो गए। गोलाबारी के चलते पानसर निवासी ओम प्रकाश के छह कनाल गन्ने की फसल पूरी तरह से राख हो गई।

गुजनाल के ब्रहम दयाल के दो कमरे जल गए जिसमें से एक मवेशियों का ठिकाना था। मनियारी निवासी दिलीप चंद के मकान पर मोर्टार आकर गिरा जिससे उसके घर का गेट और बाथरूम क्षतिग्रस्त हो गया। मनियारी में ही दीपक और जोगिंद्र के तीन कुल्ले जल गए।

बोबिया में पाकिस्तानी गोलाबारी से सबसे अधिक नुकसान हुआ है जहां कई मवेशियों की भी मौत हुई है। गांव के अजीत सिंह, गंगा सिंह के मकान, नरिंद्र सिंह की दुकान क्षतिग्रस्त हुई है। शाम तक बड़ी संख्या में लोग अपने स्तर पर सीमावर्ती गांव से पलायन कर चुके थे।

सोमवार को ही खाली करवा दिए थे गांव
आरएस पुरा प्रशासन की ओर से अधिकतर सीमावर्ती गांवों को सोमवार को ही खाली करवा दिया गया था। लोगों को आरएस पुरा में स्थापित तीन शिविरों में रखा गया था। इसके अलावा कई ग्रामीण अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं।

दिगवार सेक्टर में पाक ने की गोलाबारी
पुंछ। काफी दिनों की खामोशी के बाद एकबार फिर पाकिस्तानी सेना ने जिले के दिगवार सेक्टर में घंटाभर हल्के एवं बड़े हथियारों से गोलाबारी की। मंगलवार दोपहर करीब एक बजे नूरकोट व नक्कर कोट में भारतीय पोस्टों के साथ ही रिहायशी इलाकों को निशाना बना कर पहले यूनिवर्सल मशीनगनों से गोलीबारी शुरू की।

बीच-बीच में पाक सेना मोर्टार भी दागती रही। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई पर एक घंटे बाद दोपहर दो बजे गोलाबारी बंद हो गई। इसमें किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन इससे क्षेत्र निवासियों में दहशत का माहौल बन गया है। पहले ही इस क्षेत्र के किसान पाकिस्तानी गोलाबारी के डर से दिन के समय अपने खेतों में काम तक नहीं कर पा रहे हैं। छिपते-छिपाते रात के समय अंधेरे में गेहूं की फसल की कटाई करने का काम अंजाम दे रहे है।

गोलाबारी से स्कूलों में फंसे बच्चे 

भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलाबारी शुरू होते ही दहशत का माहौल बन गया। सीमा के पांच किलोमीटर के दायरे में स्कूल चार दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को ही खुले थे। जब तक गोलाबारी शुरू हुई स्कूल लग चुके थे। ऐसे में हजारों की तादाद में स्कूली बच्चे भी स्कूलों में ही फंसकर रह गए। प्रशासन ने समीक्षा के बाद एहतियातन स्कूलों से बच्चों को बाहर न भेजने की हिदायत दे दी। दिनभर धमाकों की आवाजें सुनते विद्यार्थी और शिक्षक डरे सहमे स्कूलों में कैद रहे।
बच्चों ने बताया कि सीमावर्ती इलाके में रहना उनके लिए रोज जिंदगी और मौत की जंग को लड़ने जैसा है। भविष्य कहां है कुछ पता ही नहीं है। गोलाबारी शुरू होते ही स्कूलों पर ताले लटक जाते हैं। सिलेबस पूरा होना तो दूर की बात, आज वो दुनिया से पीछे चल रहे हैं।

बच्चों ने कहा कि सीमावर्ती इलाके अब पिछड़ चुके हैं। शिक्षा पूरी करने के बाद भी उनके भाई बहन बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। अभिभावक चाहते हैं कि पढ़ लिखकर कुछ बनें लेकिन पाकिस्तान जो चाहता है वही हो रहा है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com