April 19, 2024

जय शाह, रफ़ाल घपले पर चुप क्यों मोदी: राहुल गांधी

गुजरात में मिली हार को नजरअंदाज कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के लिए कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को धन्यवाद देने 22 को अहमदाबाद जाएंगे। सूत्रों की मानें तो राहुल सोमनाथ मंदिर में दर्शन के लिए भी जा सकते हैं।

सोमनाथ की चारों सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। राहुल के हिमाचल जाने का कार्यक्रम भी तैयार किया जा रहा है। दरअसल, गुजरात देश कांग्रेस ने चुनाव नतीजों की समीक्षा के लिए तीन दिवसीय बैठक बुलाई है। 20, 21 और 22 को राज्य के विभिन्न हिस्सों और विधानसभाओं के नतीजों पर कार्यकर्ता अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।
कांग्रेस उन कारणों की पड़ताल भी करना चाहती है कि जहां मामूली अंतर से उसकी हार हुई है। राहुल बैठक के आखिरी दिन पहुंचेंगे और कार्यकर्ताओं को संबोधित भी करेंगे।

चुनावी हार के बार पहली बार राहुल गांधी मंगलवार को मीडिया के सामने आए.राहुल गांधी

राहुल ने कहा, ”इस चुनाव नतीजे के बारे में मोदी ने बोला है कि विकास और जीएसटी पर मुहर है. लेकिन अपने चुनावी भाषणों में मोदी ने नोटबंदी, विकास और जीएसटी पर मुहर की कोई बात नहीं की थी. मोदी जी की विश्वसनीयता पर सवाल है. मोदी के साथ विश्वसनीयता की दिक्कत है.

पढ़िए राहुल गांधी के भाषण की 5 खास बातें

  • मोदी की सोच को उनका संगठन रिपीट कर रहा है लेकिन देश उसे नहीं मान रहा है. देश ये जानना चाहता है कि मोदी ने भ्रष्टाचार की बात बिना रुके की. रफ़ाल और जय शाह के मामले में मोदी के मुंह से एक शब्द क्यों नहीं निकलता. जय शाह अमित शाह के बेटे हैं. तीन महीने में पचास हजार को 80 हजार करोड़ रुपये बना दिए गए. रफ़ाल में घपला हुआ.
  • कहा जाता था कि कांग्रेस पार्टी बीजेपी से लड़ नहीं सकती. तीन चार महीने सिर्फ मैंने नहीं, बल्कि गुजरात कांग्रेस और कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की. इसका रिजल्ट आपने देखा है कि बीजेपी को जबरदस्त झटका मिला है. मुझे इस दौरान पता लगा कि मोदी के मॉडल को गुजरात के लोग मानते नहीं हैं.
  • प्रौपेगेंडा बहुत अच्छा है. मार्केटिंग बहुत अच्छी है लेकिन अंदर से वो खोखला है. हमारे चुनावी अभियान का बीजेपी जवाब नहीं दे पाई. विकास की बात तो कर रहे हैं लेकिन इनके पास जवाब नहीं है. आपने देखा होगा कि चुनाव होने से पहले बीजेपी के पास अपने बारे में बताने के लिए कुछ नहीं था.
  • हां हम जीत सकते थे लेकिन हार गए, थोड़ी कमी रह गई होगी. लेकिन मेरा आज बस ये संदेश है कि एक राजनेता जाता है, जैसे मैं गुजरात गया. गुजरात और गुजरात के लोगों ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है. सबसे खास बात ये सिखाई है कि चाहे आपका विपक्ष हो या जिससे आपकी लड़ाई हो, उसके पास जितना भी पैसा, क्रोध हो, उसको आप प्यार और भाईचारे से टक्कर दे सकते हैं. ये बात गांधीजी ने पहले देश को सिखाया था. शायद ये बात गुजरात के लोगों के अंदर है.
  • गुजरात ने मोदी और बीजेपी को मैसेज दिया है कि ये आपके अंदर का क्रोध आपके काम नहीं आएगा और इसको प्यार हरा देगा. ये संदेश गुजरात के लोगों ने दिया. मैं गुजरात और हिमाचल के लोगों को शुक्रिया कहना चाहूंगा और जीतने वालों को बधाई देता हूं.

गुजरात में तीन मुस्लिम उम्मीदवार जीते

तीन मुस्लिम उम्मीदवार जीत दर्ज कर इस बार गुजरात विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे हैं। जबकि पिछली बार दो मुस्लिम विधायक बनने में कामयाब रहे थे। इस बार चुनाव जीतने वाले तीनों मुस्लिम उम्मीदवार कांग्रेसी हैं। कांग्रेस ने छह मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिनमें से तीन शहरी सीटें थीं।

इन उम्मीदवारों ने जमालपुर-खाड़िया, अहमदाबाद के दरियापुर और राजकोट के वानकानेर में जीत दर्ज की। जबकि सुरत पश्चिम, भरुच के वगरा और भुज के आरपीटी भुज में भाजपा से हार गए। जीत दर्ज करने वाले वानकानेर के जावेद पीरजादा, दरियापुर के गयासुद्दीन शेख और जमालपुर खाड़िया के इमरान शामिल हैं। इमरान ने यह सीट भाजपा से छीनी है।
वहीं गुजरात में पहली बार चुनाव लड़ने उतरी आम आदमी पार्टी ने वानकानेर से उस्मान गानी को टिकट दिया, लेकिन वह सिर्फ 2808 वोट पाने में कामयाब रहे। भाजपा ने इस बाद राज्य विधानसभा चुनाव में किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था। जबकि राज्य में मुस्लिम आबादी 9.67 फीसदी है।


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