April 24, 2024

जल्द सामने आएगा काशी विश्वनाथ का वर्चुअल लुक

श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का ‘थ्रीडी वर्चुअल मॉडल’ जल्द ही सबके सामने होगा। पीएमओ के निर्देश पर काशी पुराधिपति के दरबार का थ्रीडी वर्चुअल लुक तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली आईआईटी की टीम को सौंपी गई है। इस थ्रीडी मॉडल को देश के सभी बड़े संग्रहालयों में प्रदर्शित किया जाएगा।

इसके जरिए देश-दुनिया के सैलानी और श्रद्धालु काशी पुराधिपति के दर्शन के साथ ही प्रस्तावित कॉरिडोर योजना के वास्तविक स्वरूप से रूबरू होंगे।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र को भव्य स्वरूप देने की तैयारी चल रही है।

मंदिर का विस्तारीकरण किया जा सके और श्रद्धालुओं को उच्चस्तरीय बुनियादी सुविधाएं मिल सकें, इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने मिलकर विश्वनाथ कॉरिडोर का प्लान बनाया है। हालांकि यह पूरा प्लान क्या है और विश्वनाथ कॉरिडोर कैसा दिखेगा, यह अब तक साफ नहीं है।

यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर पीएमओ ने खुद इस मामले में पहल की है और विश्वनाथ मंदिर का फ्यूचर थ्री डी प्लान तैयार करने को कहा है। इसके लिए दिल्ली आईआईटी की टीम मंदिर परिक्षेत्र का सर्वे शुरू कर चुकी है।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह के मुताबिक इस थ्रीडी वॉक थ्रू के जरिए एक तो देश-दुनिया के श्रद्धालु और सैलानी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का वर्चुअल टूर कर सकेंगे, वहीं इस प्रोजेक्ट को लेकर लोगों में जो गलतफहमियां हैं, वो भी दूर हो जाएंगी।

पहली बार कॉरिडोर का वास्तविक स्वरूप सबके सामने होगा। बता दें कि कॉरिडोर का ऑफिशियल ब्लूप्रिंट जारी न होने से इसे लेकर शंकाएं भी हैं और विवाद भी। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है।

इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य यह है कि देश के बड़े म्यूजियम में जाने वाले लोगों को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में बताया जा सके। यहां के बारे में जानने के बाद वे काशी आने का मन बनाएं। इस प्रोजेक्ट में सहयोग के लिए लोग आगे आएं, यह भी कोशिश होगी।

ऐसा होगा वर्चुअल लुक
गंगा घाट, गलियां और फिर इनसे होते हुए सीधे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर। फिर अंदर भव्य मंदिर परिसर और फिर गर्भगृह में बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन, आगे से दाएं बढ़कर प्रसाद काउंटर और फिर माता अन्नपूर्णा समेत अन्य देवालय तक। सब कुछ आंखों के सामने होगा।

कराया जा रहा ड्रोन सर्वे
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और परिक्षेत्र के मकानों और अन्य मंदिरों की वर्तमान स्थिति जानने के लिए ड्रोन सर्वे भी कराया जा रहा है। यह वर्चुअल थ्री डी मॉडल तैयार करने में काफी मददगार साबित होगा। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की जा रही है।

सीईओ विशाल सिंह का कहना है कि हम वर्तमान स्थिति और खरीदे गए मकानों को तोड़े जाने के बाद की स्थिति का सर्वे ड्रोन के जरिए करा रहे हैं, ताकि चीजें बिल्कुल साफ हो सकें कि किस दिशा में काम को आगे बढ़ाना है।


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