April 23, 2024

केरल: गर्भवती आदिवासी महिला को 4 किलोमीटर तक कपड़े पर लटका कर चले, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

केरल के अट्टाप्पदी में एक आदिवासी महिला को प्रसव के लिए एक डंडे और उस पर बंधे कपड़े में लटका कर चार किलोमीटर तक ले जाना पड़ा ताकि वो सड़क तक पहुंच सकें। अस्पताल पहुंचने के बाद महिला ने एक लड़की को जन्म दिया।

आदिम कुरुम्बा जनजाति की 20 वर्षीय मणि कोट्टाथारा से 25 किमी दूर एडवानी में रहती हैं। मंगलवार की सुबह उसे प्रसव पीड़ी हुई। कोट्टाथारा में सरकारी जनजातीय स्पेशिलिटी अस्पताल है। एडवानी गांव से मोटर गाड़ी चलने वाली सड़क तक पहुंचने के लिए सात किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है।

जनजातीय कॉलोनी के निवासी मुरुकान ने कहा, “हमने पुथुर में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र से एक एम्बुलेंस बुलाया जो उस जगह तक पहुंच सकता है जहां गाड़ियां चलती है। हमें बताया गया था कि एक साल से एम्बुलेंस नहीं चल रही है। हमारे पास समय कम था इसलिए हमने प्रसव पीड़ित महिला को जंगल से चलवा दिया। तीन किलोमीटर के बाद उसका दम फूल गया और वह गिर गई। हमने अस्पताल में ठहने के दौरान इस्तेमाल के लिए जो चादर लिया था, उस चादर और एक डंडे का इस्तेमाल कर एक स्ट्रेचर बनाया। हम चार किलोमीटर तक उसे इसमें लटका कर ले गए। हमें चार बार एक ही नदी पार करनी पड़ी।”

उन्होंने कहा कि मोटर गाड़ी चलने वाली सड़क तक पहुंचने पर उन्होंने एक निजी वाहन किराए पर लिया और महिला को अस्पताल ले गए। “अस्पताल पहुंचने के के 10 मिनट बाद उसने एक लड़की को जन्म दिया। यह उसका चौथा बच्चा है।”

केरल जनजातीय समन्वय समिति के अध्यक्ष केए रामू ने कहा कि एडवानी अटप्पादी में एकमात्र कॉलोनी है जो सड़क से जुड़ा हुआ नहीं है और मानसून के दौरान दूसरी जगहों से अलग-थलग हो जाएगा।

अस्पताल अधीक्षक डॉ प्रभु दास ने कहा, “डिलीवरी होने का अनुमान अगले महीने की सात तारीख को था। गांव के सड़क से नहीं जुड़े होने को ध्यान में रखते हुए हमने उसे सलाह दी थी कि वह बहुत पहले भर्ती हो जाए। एम्बुलेंस पुथुर पंचायत के कब्जे में है, लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं किया हो पा रहा है क्योंकि पंचायत ने बीमा प्रीमियम का भुगतान और वाहन का रख रखाव नहीं किया।’


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