पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में लापरवाही पर श्रम मंत्री अफसरशाही से नाराज
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट कौशल विकास के प्रति लापरवाही से श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत अफसरशाही से बेहद नाराज है। अपनी नाराजगी का हरक ने खुलकर इजहार करते हुए अपर मुख्य सचिव-कौशल विकास को कड़ा पत्र लिखा है। नाराज हरक ने कौशल विकास संस्थाओं के चयन पर भी सवाल उठाया है। बकौल हरक, कौशल विकास के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जांच करा दी जाए तो फर्जीवाड़े सामने आएंगे।
मामला 27 अप्रैल को दिल्ली में केंद्रीय कौशल विकास मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कांफ्रेस का है। इसमें सभी राज्यों के मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, सचिव स्तर के अफसरों ने अपने-अपने राज्यों की गतिविधियों को सामने रखा। पर, उत्तराखंड ने केवल एक जिला स्तरीय अधिकारी को भेजकर इतिश्री कर ली। आधी-अधूरी जानकारी लेकर कांफ्रेस में पहुंचे ये अधिकारी कार्यक्रम में बोल ही नहीं पाए। हरक का कहना है कि राज्य का अपमान होते देख उन्होंने खुद ही जैसे तैसे मोर्चा संभाला।
हरक ने राज्य में कौशल विकास के कार्यक्रमों पर संगीन सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में यह भी आया है कि कौशल विकास संस्थाओं के चयन में भी खासा खेल हो रहा है। अब तक के प्रशिक्षण कार्यों की जांच करा ली जाए तो इन योजनाओं में किए गए फर्जीवाड़े और गोलमाल सामने आ जाएंगे।
श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा, “कौशल विकास कांफ्रेस में जिस प्रकार उत्तराखंड को अपमानित होना पड़ा है, उससे में मैं बहुत आहत हूं। विभाग ने कौशल विकास के लिए चयनित संस्थाओं की लिस्ट भेजी है। मैं उसकी भी जांच कराऊंगा।”
अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा, “मंत्री जी का पत्र प्राप्त हुआ है। कौशल विकास का कार्य मुख्यत: सचिव पंकज पांडे देख रहे हैं। मैंने उनसे रिपोर्ट मांगी हैं। मंत्री जी को जल्द ही रिपेार्ट दे दी जाएगी।”