March 29, 2024

चाईबासा कोषागार गबन मामले में लालू प्रसाद यादव दोषी करार

राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार गबन मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने अभी सजा का ऐलान नहीं किया है। चारा घोटाले का यह तीसरा मामला है। इसी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को भी दोषी ठहराया गया है। चाईबासा गबन के इस मामले में कोर्ट ने 56 आरोपियों में से 50 को दोषी ठहराया है।

उधर, लालू यादव को दोषी ठहराए जाने के बाद लालू यादव के बेटे और बिहार के पूर्व डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, ‘बिहार का एक-एक आदमी जानता है कि लालू को इस मुकदमे में फंसाया गया है। बीजेपी और नीतीश कुमार लालू को फंसाने में लगे हुए हैं। उन लोगों का बस एक ही टारगेट है कि किस तरह लालूजी को फंसाया जाए। बिहार के विकास के बजाय ये लोग लालू को दबाने में लगे हैं। यहां जनता में बहुत गुस्सा है, लेकिन यह अदालत का फैसला है और हम इसका सम्मान करते हैं। हम लोग हाईकोर्ट में अपील करेंगे।’

बता दें, लालू यादव चारा घोटाले के देवघर कोषागार से जुड़े एक मामले में सजा पाने के बाद रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। चाईबासा मामले में बहस दस जनवरी को पूरी हो गयी थी और इस मामले में अदालत ने फैसला 24 जनवरी तक के लिए सुरक्षित कर लिया था।

बता दें, 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकाल लिया गया था। लालू यादव चारा घोटाले के देवघर कोषागार से जुड़े एक मामले में सजा पाने के बाद रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। चाईबासा मामले में बहस दस जनवरी को पूरी हो गयी थी और इस मामले में अदालत ने फैसला 24 जनवरी तक के लिए सुरक्षित कर लिया था। बता दें, 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकाल लिया गया था।

यह निकासी वर्ष 1992 से 1993 के बीच हुई थी। इसमें नेताओं, पशुपालन अधिकारी और आईएएस अधिकारियों की मिलीभगत से 67 जाली आवंटन पत्रों पर 35 करोड़, 62 लाख रुपये निकाल लिए गए थे जबकि मूल आवंटन सात लाख 10 हजार रुपये ही थे। चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में 12 दिसंबर, 2001 को 76 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई थी।
ट्रायल के दौरान ही 14 आरोपियों की मौत हो गई, वहीं तीन आरोपी सरकारी गवाह बन गए। दो आरोपियों ने दोष स्वीकार कर लिया है। मामले कुल 56 आरोपी ट्रायल का सामना कर रहे हैं। इसमें लालू यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा सहित छह नेता शामिल हैं। बता दें, सीबीआई कोर्ट ने देवघर के सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में भी लालू यादव को दोषी करार दिया है।

इस मामले में अदालत ने लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए लालू समेत सभी 16 दोषियों को सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद लालू यादव ने ट्वीट कर इसे बीजेपी की साजिश करार दिया था। उन्होंने कहा, ‘मैंने तानाशाही सत्ता का साथ नहीं दिया इसलिए मेरे पीछे जहरीली ताकतों को लगाया गया और मुझे सजा भुगतनी पड़ी।’

अपनी चिट्ठी में लालू ने आरोप लगाया कि तानाशाही सत्ता का साथ न देने की वजह से उनके पीछे सीबीआई लगाई गई, परिवार को घसीटा गया और लालू को अरेस्ट करने के लिए आर्मी तक बुलावा भेजा गया। लालू ने लिखा, ‘मेरे नादान बच्चों पर मुकदमे कर उन्हें प्रताड़ित कर उनका मनोबल तोड़ने का कुचक्र रचा गया और देश की सभी जांच एजेंसियों के छापे हुए और चूल्हे से लेकर तबले तक को झाड़-पोंछकर छानबीन और पूछताछ की गई।’


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