April 19, 2024

राज्यसभा में लगातार जारी हंगामे से वेंकैया नायडू हैरान

नई दिल्ली।राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू बुधवार को लगातार जारी हंगामे से हैरान दिखे। लोकसभा में भी नजारा सत्र के पिछले 13 दिनों जैसा था और कुछ मिनटों की कार्यवाही में ही सदन पूरे दिन के लिए स्थगित हो गया। सरकार और विपक्ष के बीच आंध्र को विशेष दर्जा समेत कई मुद्दों को लेकर जारी मतभेद से इस बार संसद का सत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
बुधवार को भी दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हो सका। लोकसभा में हंगामे के चलते अविश्वास प्रस्ताव भी पेश नहीं हो सका। सदन की कार्यवाही पहले एक घंटे के लिए और बाद में पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई। उच्च सदन में भी जमकर हंगामा और नारेबाजी हुई। आखिरकार सभापति को राज्यसभा की कार्यवाही 5 मिनट बाद ही स्थगित करनी पड़ी।

लोकसभा में बुधवार को लगातार 13वें दिन प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। तेलंगाना में आरक्षण से जुड़े मुद्दे पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर AIADMK के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। गौरतलब है कि बजट सत्र के दूसरे चरण में हंगामे के कारण तीसरे सप्ताह में भी कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है।

लोकसभा में लगे नारे 
लोकसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह जैसे ही शुरू हुई तो AIADMK और TRS के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन हंगामा बढ़ता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही पहले एक घंटे और बाद में दिनभर के लिए स्थगित कर दी। AIADMK और TRS के सदस्य ‘वी वॉन्ट जस्टिस’ के नारे लगा रहे थे। TRS के सदस्यों ने ‘एक राष्ट्र, एक नीति’ की मांग वाली तख्तियां भी ले रखी थीं।

बजट सत्र का दूसरा चरण 5 मार्च को शुरू होने के बाद से लोकसभा की कार्यवाही पीएनबी धोखाधड़ी मामले, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग और तेलंगाना में आरक्षण के मुद्दे समेत कई मसलों पर रोजाना बाधित हो रही है।

राज्यसभा में भी भारी हंगामा 
राज्यसभा की बैठक आज भी शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गए । सुबह 11 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने शून्यकाल शुरू करने का ऐलान किया और मनोनीत सदस्य के. टी. एस. तुलसी का नाम पुकारा।

इस बीच AIADMK, DMK, TDP आदि के सदस्य आसन के समक्ष आ गए। AIADMK और DMK के सदस्य जहां कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग कर रहे थे, वहीं TDP के सदस्य कडप्पा में इस्पात संयंत्र लगाने की मांग कर रहे थे। वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी और कांग्रेस सदस्य केवीपी रामचंद्र राव भी आसन के समक्ष आकर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करने लगे। हंगामा कर रहे इन सदस्यों के हाथों में पोस्टर भी थे।

आजाद ने उठाया SC/ST ऐक्ट का मुद्दा 
सभापति ने कहा ‘सदस्य सदन के नियमों से अवगत हैं फिर भी मैं दोहराता हूं कि सदन में इस तरह पोस्टर न दिखाएं।’ नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि हर दिन इस तरह सदन की कार्यवाही बाधित करना ठीक नहीं है। हंगामे के बीच ही सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कुछ कहने की अनुमति मांगी। आसन की अनुमति से उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को अब तक अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के तहत सुरक्षा मिलती रही है जो इस वर्ग के लोगों के लिए बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर कोई पैरवी ही नहीं की।

आजाद ने कहा ‘इस मुद्दे पर सदन में चर्चा जरूरी है। हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर अविलंब चर्चा की जाए।’ इस पर सभापति ने कहा ‘आप नोटिस दें। नोटिस मिलने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय तय कर दिया जाएगा लेकिन पहले नोटिस देना होगा।’ इस दौरान AIADMK, DMK, TDP सदस्यों की आसन के समक्ष नारेबाजी जारी रही।

इराक में भारतीयों की मौत का मुद्दा भी गूंजा 
नायडू ने इन सदस्यों से अपने स्थानों पर लौटने की अपील करते हुए कहा ‘नारेबाजी से न ही कुछ होगा और न ही यह रेकॉर्ड में जाएगा। आप अपने स्थानों पर जाएं और सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से चलने दें।’ शोरगुल के बीच ही आजाद ने कहा ‘हम एक अन्य मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं। कल विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक में लापता हुए 39 भारतीयों के मारे जाने के बारे में सदन में एक बयान दिया था। उन्होंने इन भारतीयों के बारे में पिछले साल भी सदन में एक बयान दिया था। हम चाहते हैं कि इस बारे में भी सदन में चर्चा हो। यह अत्यंत गंभीर मुद्दा है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।’ सभापति ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्हें नोटिस देने के लिए कहा।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा ‘इस तरह हंगामा जारी रहा तो चर्चा कैसे हो पाएगी। सदन में व्यवस्था होनी चाहिए। सदस्य कृपया सदन चलने दें। हम पहले ही कह चुके हैं कि हम हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है लेकिन आप पहले सदन तो चलने दीजिए।’ उन्होंने कहा, ‘हर दिन बैठक शुरू होते ही हंगामा हो जाता है और फिर कार्यवाही स्थगित कर दी जाती है। सदन चलाने की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं होती। यह जिम्मेदारी विपक्षी सदस्यों की भी होती है। सदस्यों को यह बात समझनी चाहिए।’

‘यह क्या हो रहा है…’ 
इसी बीच, कांग्रेस के सदस्य अपने नेता आजाद द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए। नायडू ने कहा ‘यह क्या हो रहा है ? क्या हम इतने असहाय हो गये हैं? जो मुद्दे आप उठा रहे हैं, वह महत्वपूर्ण मुद्दे हैं और मैं सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हूं। सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। फिर हर दिन इस तरह कार्यवाही बाधित करने का कारण समझ नहीं आता।’ सभापति ने कहा, ‘मैं आप सबसे अपील करता हूं कि अपने स्थानों पर जाएं और सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से चलने दें। आखिर कब तक ऐसे चलेगा। क्या आप चाहते हैं कि लोग यह व्यवधान देखें?’ बहरहाल, सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने करीब 11:10 पर ही बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।


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